
!! एक दीप ऐसा !!
- Radha Shri Sharma
- 11/01/2024
- गीत
- गीत
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एक दीप जलाऊँ ऐसा,
जग तिमिर नाश जो कर दे,
तमस मिटा अज्ञान की
मन ज्ञान प्रकाश जो भर दे।।
एक दीप जलाऊँ ऐसा….
आशाओं का खोज सवेरा,
खुशियों का दिवस दिखाऊँ।
निर्धनता की मिटा लकीरें,
साधन समृद्धि फैलाऊँ।
दुख की निशा की मिटा कर
मन में सुख दिवाकर जो भर दे।
एक दीप जलाऊँ ऐसा ……
नव शिशुओं को मिले ममत्व,
मात की गोद निराली,
कूड़ा कचरा कोई न समझे,
हो अपनी पीढ़ी खुशाली।
इनको पूरा पोषण देकर
स्वस्थ भविष्य जो कर दे।
एक दीप जलाऊँ ऐसा…..
मानवता की ओढ़ चुनरिया,
दया धर्म का श्रंगार किया,
भ्रष्टाचार मिटा कर जग से
शिष्टाचार का पाठ दिया।
अनुशासन की लेकर लाठी,
शम, दम, नियम, हिय जो भर दे।
एक दीप जलाऊँ ऐसा….
कल्प दीप लेकर मैं निकली
मन चक्षु तुम खोलो,
एक एक दीपक तुम भी ले लो,
संग चलो तुम बोलो,
सबसे सुन्दर मनसा मेरी
नव प्रभात जो भर दे।
एक दीप जलाऊँ ऐसा…
3 Comments to “!! एक दीप ऐसा !!”
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सीताराम साहू'निर्मल'
Bheetar
Anonymous
शुभकामनाएं 💐
पवनेश
राधे राधे 🙏