
!! “कल्पकथा साप्ताहिक आमंत्रण : कल्प/फरवरी/२०२५/द” !! ⛩️
- Kalpkatha
- 24/02/2025
- लेख
- प्रतियोगिता
- 1 Comment
- ⛩️ !! “कल्पकथा साप्ताहिक आमंत्रण” !! ⛩️
📜 विशिष्ट आमंत्रण क्रमांक :– !! “कल्प/फरवरी/२०२५/द” !! 📜
📚 विषय :- !! “स्वैच्छिक” !! 📚
⏰ समयावधि :- दिनाँक २४/०२/२०२५ प्रातः ०८.०० बजे से दिनाँक २८/०२/२०२५ रात्रि १०.०० बजे तक ⏰
🪔 विधा :- !! “काव्य” !! 🪔
📢 भाषा :- !! “हिन्दी, संस्कृत” !! 📣
⚜️ विषय विशेष :- सद साहित्य हेतु समसामयिक विषयों पर आपकी कल्पना की उर्वर उड़ान।। ⚜️
💎 !! “आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं” !! 💎
📢 कल्प कथा के नियम :- 📢
✍🏻 कल्प आमंत्रण प्रतियोगिता में रचना भेजते समय रचना में ऊपर आमंत्रण क्रमांक, विषय एव शीर्षक और नीचे लेखक/लेखिका का नाम होना आवश्यक है। उसके बिना रचनाएं सम्मिलित नहीं की जायेंगी।
✍🏻 कल्पकथा वेबसाइट पर रचना प्रतियोगिता श्रेणी के अंतर्गत लिखने पर प्रति प्रतियोगिता प्रमाणपत्र एवं मासिक विशेष सम्मान दिया जाएगा।
✍🏻 साप्ताहिक आमंत्रण में सभी प्रमाणपत्र श्रेष्ठ, उत्तम और सहभागिता रूप में तीन प्रकार के रहेंगे।
✍🏻 मासभर सभी आमन्त्रणों में प्रतिभाग करने पर श्रेष्ठ, किन्ही तीन में प्रतिभाग करने पर उत्तम और दो में प्रतिभाग करने पर सहभागिता प्रमाणपत्र रहेगा।
✍🏻 साप्ताहिक आमंत्रण में विविध विधाओं में लिखने वाले लेखकों को “कल्प कलम श्री” सम्मान से सम्मानित किया जायेगा।
✍🏻 दैनिक आमंत्रण में आई रचनाओं के सभी श्रेष्ठ रचनाकारों को “कल्प विधा श्री” सम्मान से सम्मानित किया जायेगा।
✍🏻 कल्पकथा की ऑनलाइन काव्य गोष्ठियों में प्रतिभागियों को “कल्प काव्य श्री” सम्मान से सम्मानित किया जायेगा।
✍🏻 आपकी सभी रचनाएं स्वरचित एवं मौलिक होनी चाहिए। किसी भी प्रकार के कॉपीराइट इशू के लिए लेखक स्वयं जिम्मेदार होगा।
✍🏻 कल्पकथा पर किसी भी प्रकार का व्यक्तिगत, सामुहिक या राजनैतिक प्रचार-प्रसार पूर्णतः प्रतिबंधित है।
✍🏻 यदि आप कल्पकथा संदेशों से इतर कोई व्यक्तिगत, राजनैतिक या सामुहिक विज्ञापन करना चाहते हैं तो आप संस्थापक निर्देशक या संस्थापक निदेशक कोषाध्यक्ष को इसका शुल्क जमा करवा कर प्रचार-प्रसार कर सकते हैं।
✍🏻 यदि आप बिना अनुमति लिये किसी भी प्रकार का राजनैतिक, व्यक्तिगत या सामुहिक लिंक, पोस्ट या फिर कोई चित्र/चलचित्र आदि डालते हैं तो आप पर तुरंत 25000/- रुपये का जुर्माना लगाया जायेगा, जो संस्था नियमों के अनुसार अवश्य ही देय होगा।
✍🏻 लिखते रहिये, 📖 पढते रहिये और 🚶 बढ़ते रहिये। 🌟
✍🏻 कल्प आमंत्रण अध्यक्ष
—: कल्पकथा प्रबंधन :—
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SONIA SARIN
विशिष्ट आमंत्रण क्रमांक :– !! “कल्प/फरवरी/२०२५/द” !! 📜
📚 विषय :- !! “स्वैच्छिक” !! 📚
⏰ समयावधि :- दिनाँक २४/०२/२०२५ प्रातः ०८.०० बजे से दिनाँक २८/०२/२०२५ रात्रि १०.०० बजे तक ⏰
🪔 विधा :- !! “काव्य” !! 🪔
📢 भाषा :- !! “हिन्दी, संस्कृत” !! 📣
उठो, जागो हे महामाया
कलयुग है अपनी चरम सीमा पर,
छल, कपट,पाखंड दिखता है अब ,
हर एक ललचाई नजर में,
हर एक चिकनी चुपड़ी बात में l
प्रेम ,विश्वास पनपता नहीं,
इस दुनिया में कही भी अब,
रोज मिलते हैं भेड़िए यहाँ आदमी की जात मे।l
पंच विकारों से वशीभूत होकर ,
आतंक फैलाते हैं ये बिन बात के,
नए-नए हाथकंडे अपनाकर ,
मासूम पर करते हैं फिर आघात ये।
इन भेडियो की लालसा,
खुलेआम इतनी है बढ़ गई ,
रुकेगे नहीं ना मानेंगे ये अब
मीठी बातों की सौगात से।
सरेआम करना होगा अब,
इन आदमखोरों का वध हमे,
करने ही होंगे अनेकों टुकड़े ,
अब हमको इनके ललाट के ।
उठो ,जागो हे नारी रुपी महामाया,
तजो हया, सबला बनो अबला नहीं,
बहुत पढ़ लिए शास्त्र घर बैठे तुमने,
शस्त्र उठाने का समय देखो आया है अभी।
डरो नहीं धारो खड़ग ,
थारो त्रिशूल तुम अब हाथ में,
बनो फौलाद, आगे बढो,
है मातृ शक्ति तेरे साथ मे।
रौद्र रूप धारण करो,
आओ दुर्गा, काली के अवतार में ,
मत भूलो तेरी ही स्तुति,
तेरा ही आहृवान ,
होता है हर यज्ञ में हर पाठ में ।
बतलाना ही होगा तुमको इन्हे,
नही आसान हरना अब नारी का सम्मान,
जो है हर घर, हर समाज की रौनक ,
जो है राष्ट्र की गरिमा और हम सबका मान।
अब रुको नहीं करो वध जल्दी,
हरो तिमिर उभरते हर पाप का ,
छिलेगा नही कोमल हृदय फिर,
किसी भी लाडली के माॅ- बाप का,
छिलेगा नही कोमल हृदय फिर
किसी भी लाडली के माॅ- बाप का।
स्वरचित व मौलिक
सोनिया सरीन (साहिबा)
लेखिका- कवयित्री
दिल्ली