
“!! कल्प संवादकुंज -तिरंगा: राष्ट्रध्वज !!”
- Kalp Samwad Kunj
- 17/07/2025
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🦚”साप्ताहिक कल्प संवादकुंज – “राष्ट्रीय ध्वज अंगीकरण दिवस विशेष” 🦚
🇮🇳 “!! कल्प संवादकुंज- तिरंगा : राष्ट्रध्वज !!” 🇮🇳
⏳ “समयावधि: दिनाँक १७-जुलाई-२०२५ गुरुवार सायं ६.०० बजे से दिनाँक २२-जुलाई-२०२५ मंगलवार मध्य रात्रि १२.०० बजे (भारतीय समयानुसार) तक।” ⏲️
📊 “विधा – लेख (वैचारिक)” 📊
📝 “भाषा:- हिन्दी (देवनागरी लिपि)” 📝
☯️ “!! विषय विशेष- भारतीय राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा के सम्मान में आपके सहज विचार। !!” ☯️
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Kalp Samwad Kunj
“कल्प संवाद कुँज:- राष्ट्रीय ध्वज अंगीकरण दिवस विशेष”
दिनांक: 22 जुलाई 2025
विषय: “तिरंगा-राष्ट्र ध्वज”
भारत का राष्ट्रीय ध्वज, जिसे तिरंगा भी कहा जाता है, तीन रंगों की क्षैतिज पट्टियों से बना है:-
केसरिया ऊपर, सफेद बीच में और हरा नीचे। सफेद पट्टी के बीच में नीले रंग का एक चक्र है, जिसे अशोक चक्र कहते हैं, जिसमें 24 तीलियाँ हैं। यह ध्वज 22 जुलाई, 1947 को भारत की संविधान सभा द्वारा अपनाया गया था।
तिरंगे के रंगों का महत्व:
केसरिया:
साहस, बलिदान और त्याग का प्रतीक है।
सफेद:
शांति, सच्चाई और पवित्रता का प्रतीक है।
हरा:
उर्वरता, वृद्धि और भूमि की पवित्रता का प्रतीक है।
अशोक चक्र:
धर्म और प्रगति का प्रतीक है।
इसकी अभिकल्पना श्री पिंगली वैंकैया जी ने की थी। इसे 15 अगस्त 1947 को अंग्रेजों से भारत की स्वतंत्रता के कुछ ही दिन पूर्व 22 जुलाई, 1947 को आयोजित भारतीय संविधान-सभा की बैठक में अपनाया गया था। इसमें तीन समान चौड़ाई की क्षैतिज पट्टियाँ हैं, जिनमें सबसे ऊपर केसरिया रंग की पट्टी जो देश की ताकत और साहस को दर्शाती है, बीच में श्वेत पट्टी धर्म चक्र के साथ शांति और सत्य का संकेत है ओर नीचे गहरे हरे रंग की पट्टी देश के शुभ, विकास और उर्वरता को दर्शाती है।ध्वज की लम्बाई एवं चौड़ाई का अनुपात 3:2 है। सफेद पट्टी के मध्य में गहरे नीले रंग का एक चक्र है जिसमें 24 तीलियां हैं। यह इस बात प्रतीक है भारत निरंतर प्रगतिशील है। इस चक्र का व्यास लगभग सफेद पट्टी की चौड़ाई के बराबर होता है व इसका रूप सारनाथ में स्थित अशोक स्तंभ के शेर के शीर्षफलक के चक्र में दिखने वाले की तरह होता है। भारतीय राष्ट्रध्वज अपने आप में ही भारत की एकता, शांति, समृद्धि और विकास को दर्शाता हुआ दिखाई देता है।
राष्ट्रीय झंडा निर्दिष्टीकरण के अनुसार झंडा खादी में ही बनना चाहिए। यह एक विशेष प्रकार से हाथ से काते गए कपड़े से बनता है जो महात्मा गांधी द्वारा लोकप्रिय बनाया गया था। इन सभी विशिष्टताओं को व्यापक रूप से भारत में सम्मान दिया जाता हैं भारतीय ध्वज संहिता के द्वारा इसके प्रदर्शन और प्रयोग पर विशेष नियंत्रण है।
विजयी विश्व तिरंगा प्यारा,
झण्डा ऊँचा रहे हमारा।
वन्दे मातरम्, जय हिन्द, भारत माता की जय।
डा० कर्नल आदि शंकर मिश्र ‘आदित्य’, ‘विद्यावाचस्पति’
लखनऊ: 22 जुलाई 2025