
“कल्प संवादकुंज – विषय “साहित्य – मानव सभ्यता की विरासत।”
- Kalp Samwad Kunj
- 24/04/2024
- लेख
- कल्प संवादकुंज
- 1 Comment
🌺 “साप्ताहिक कल्प संवाद कुंज में आप सभी का हार्दिक स्वागत है।” 🌺
🌺 विषय:- “साहित्य – मानव सभ्यता की विरासत।” 🌺
🌺 *”समयावधि:- दिनाँक २४ अप्रैल २०२४ बुधवार सायं ६.०० बजे से दिनाँक ३० अप्रैल २०२४ मंगलवार मध्य रात्रि १२.०० बजे (भारतीय समयानुसार) तक।”*🌺
🌺 *विशेष:- > साहित्य के माध्यम से सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने के संदर्भ में उद्देश्यपूर्ण विचार।
*> आपके विचार कल्पकथा वेबसाइट पर दिए गए विषय के कमेंट सेक्शन में पोस्ट करने पर ही स्वीकार किए जायेंगे। 🌺
🌺 टिप्पणी:- विस्तृत विवरण एवं नियमावली हेतु लिंक पर जाएं। 🌺
https://kalpkatha.com/%e0%a4%95%e0%a4%b2%e0%a5%8d%e0%a4%aa%e0%a4%95%e0%a4%a5%e0%a4%be-%e0%a4%b8%e0%a4%82%e0%a4%b5%e0%a4%be%e0%a4%a6-%e0%a4%95%e0%a5%81%e0%a4%82%e0%a4%9c-%e0%a4%b5%e0%a5%8d%e0%a4%af%e0%a4%b5%e0%a4%b8/
One Reply to ““कल्प संवादकुंज – विषय “साहित्य – मानव सभ्यता की विरासत।””
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पवनेश
साहित्य को मानवीय सभ्यता की विरासत इसलिए कहा जाता है क्योंकि मानवीय सभ्यता के विकास क्रम में शुरूआत से लेकर वर्तमान और आने वाले अनंत भविष्यकाल तक जो भी परिवर्तन, सुधार, और विकास, हुआ है उसको कथा, कहानी, काव्य, नाट्य, आदि विधाओं में स्थान देकर न सिर्फ संरक्षित करने का प्रयास किया है बल्कि उसमें बहुआयामी विस्तार देकर, उसको और भी अधिक समाज उपयोगी बनाकर प्रस्तुत किया है। उदाहरण के लिए हमारे ग्रंथ श्री रामचरितमानस, कृष्ण चरित्र, एवं अनेकों महापुरुषों के जीवन पर लिखे गए ग्रंथ, इत्यादि।