तरीक़े आपने ख़ुद ढूँढने हैं….
- Piyush Goel10
- 2024-12-16
- लघुकथा
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मेरे पिता जी का ट्रांसफ़र सबदलपुर( सहारनपुर) से चौमुहां ( मथुरा ) सन् १९७७-७८ में हो गया, मैं उस समय छटवीं कक्षा का विद्यार्थी था. गाँव चौमुहां मतलब चार मुख वाला यानी वहाँ पर भगवान ब्रह्मा जी का मंदिर हैं मैं आपको बताता चलू भगवान ब्रह्मा जी का मंदिर पुष्कर के अलावा चौमुहां में भी हैं. पिता जी ने मेरा दाख़िला सर्वोदय इंटर कॉलेज में करवा दिया, दूसरे तीसरे दिन मेरे साथ के बच्चों ने मजाक बनाना शुरू कर दिया, मैं खड़ी बोली बोलने वाला और सभी बृज भाषा बोलते थे.लेकिन बृजभाषा सुनकर आनंद आता था.
एक दिन इंग्लिश वाले अध्यापक ने Table की स्पेलिंग पूछ ली,और मुझे याद नहीं,गुरु जी ने पतली छड़ी से पिटाई की मैं बहुत रोया, लेकिन मन ही मन अपने आप से कमिटमेंट कर लिया कि गुरु जी आज आपने पिटाई की आज के बाद English Spelling पर पिटाई नहीं खाएँगे.घर आये और इंग्लिश की पुस्तक में से ४,५ व ६ अक्षर वाले शब्दों को कॉपी पर लिख लिया, पूरी पुस्तक में से क़रीब ३०-३५ शब्द मिले याद कर लिया और एक दिन जब याद हो गये, गुरु जी जैसे ही कक्षा में आये, मैंने उनको कॉपी देकर कहा, गुरु जी ये इंग्लिश पुस्तक में से ४,५ व ६ अक्षर वाले शब्द ढूँढ कर याद कर लिए आप पूछ लो.
गुरु जी ने बड़े ध्यान से कॉपी को देखा उसी समय कुछ शब्द पूछ लिये और कॉपी अपने पास रख ली.जो-जो शब्द उन्होंने पूछे थे मैंने सही -सही बता दिये. गुरु जी ने वो कॉपी अपने पास रख ली और कभी वापिस नहीं मिली, हाँ मैं गुरु जी का सबसे समझदार शिष्य हो गया और कक्षा में कभी भी गुरु जी स्पेलिंग पूछ लेते थे पर उसके बाद मेरे से कभी भी स्पेलिंग नहीं पूछी, मेरा कहने का मतलब ये हैं, छोटे- छोटे प्रयास आपको तरक़्क़ी दिलवाते हैं, कोई भी चीज मुश्किल नहीं हैं, चीजों को आसान आपने बनाना हैं.. तरीक़े आपने ख़ुद ढूँढने हैं.
One Reply to “तरीक़े आपने ख़ुद ढूँढने हैं….”
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पवनेश
संग्रहणीय संस्मरण 🙏