Dark

Auto

Light

Dark

Auto

Light

भक्त तेरा संकट में है, अब पार लगाओ ना

 

अँधियारे इन राहों में, पथ को कौन दिखाए,

जगदम्बा माँ आजा, दीन हृदय हरषाए,

त्रिशूलधारी अंबे मैया, अब त्रिशूल चलाओ ना,

भक्त तेरा संकट में है, अब पार लगाओ ना।।

 

दुर्गा माँ दानी है, तेरी शरण को जो पाए – २, 

नाम तेरा लेने से माँ, विपदा सब मिट जाए, 

सिंह पर सवार माँ अंबे, रणहुंकार सुनाओ ना,

मैया रण हुंकार सुनाओ ना।

भक्त तेरा संकट में है, अब पार लगाओ ना।

त्रिशूलधारी अंबे मैया, अब त्रिशूल चलाओ ना,

भक्त तेरा संकट में है, अब पार लगाओ ना।।

 

अनजानी दुनिया में माँ, सब अनजाने लगते हैं -२,

तेरी छवि बिना जीवन, जैसे तम में हम रहते हैं,

नेत्रों से अश्रु बहते, करुणा बरसाओ ना,

मैया करुणा बरसाओ ना।

भक्त तेरा संकट में है, अब पार लगाओ ना।

त्रिशूलधारी अंबे मैया, अब त्रिशूल चलाओ ना,

भक्त तेरा संकट में है, अब पार लगाओ ना।।

 

राक्षस दल घेरे है मैया, भय से मन घबराए -२,

तेरे बिन अब कौन है रक्षक, ढांढस कौन बंधाए,

शरणागत का हाथ थाम, निज धाम बुलाओ ना,

मैया निज धाम बुलाओ ना।

भक्त तेरा संकट में है, अब पार लगाओ ना।

त्रिशूलधारी अंबे मैया, अब त्रिशूल चलाओ ना,

भक्त तेरा संकट में है, अब पार लगाओ ना।।

 

किसको दर्द सुनाऊँ मैया, किसको व्यथा बताऊँ -२,

जग ने घाव अनेक दिए हैं, किसको उन्हें दिखाऊँ,

बिन बोले माँ जगजननी, अब कष्ट मिटाओ ना,

मैया अब कष्ट मिटाओ ना।

भक्त तेरा संकट में है, अब पार लगाओ ना।

त्रिशूलधारी अंबे मैया, अब त्रिशूल चलाओ ना,

भक्त तेरा संकट में है, अब पार लगाओ ना।।

 

दीन दुखी अबला बालक, तुम बिन कौन सहारे माँ -२,

पीड़ित की पीड़ा को हर लो, सब तुम्हें पुकारे माँ,

हार मिटा माँ विजय दिला, जयकार सुनाओ ना,

मैया जयकार सुनाओ ना।

भक्त तेरा संकट में है, अब पार लगाओ ना।

त्रिशूलधारी अंबे मैया, अब त्रिशूल चलाओ ना,

भक्त तेरा संकट में है, अब पार लगाओ ना।।

 

पवनेश

Leave A Comment