
राम जी की छवि है भली
आनंद उमंग हैं, हर्षित जन वृन्द हैं, आई शुभ सायत बड़ी,
श्री राम जी की छवि है भली।
हाथ में कोदंड है, साथ पाञ्चजन्य है, शीश मुकुट, माथ तिलक, छाई रोम रोम पुलकावलि।
हर हर महादेव, जय सियाराम, हर हर महादेव, जय जय सियाराम।
01) दशरथ कौशल्या सुत अवध के सुखारे, गुरुजन के आशीष मातन दुलारे।
भ्राताओं के अग्रज, मर्यादा के धाम, दीनन के दीनबंधु सिया सुख सारे।
मित्र जो निषाद के, शबरी के अंतर्मन, उद्धारक गिद्धराज, असुरन को संहारे।
नीति विज्ञ, रण कुशल, मित्र धर्म, हनुमान जी के स्वामी, आशाओं की रेखा गगन तक बड़ी।
आनंद उमंग है. . . . . . .
हर हर महादेव, जय सियाराम, हर हर महादेव, जय जय सियाराम।
02) श्री राम राम रघुनंदन राम राम, श्री राम राम करुणाकर राम।
श्री राम शरणम भव राम राम, श्री राम राम जीवन धन राम राम।
श्री राम राम पुण्यदर्श राम राम, श्री राम राम लोकहर्ष राम राम।
श्री रामचंद्र चरणों मनसा स्मरामि, श्री रामचंद्र चरणों वचसा गृणामि, रामराज्य जनहित की प्रेरणा बली।
आनंद उमंग है. . . . . . .
हर हर महादेव, जय सियाराम, हर हर महादेव, जय जय सियाराम।
03) कमलनेत्र दृगलोचन, श्यामवर्ण जगमोहन, राजीवनयन लोकरंजन।
पापमोचक भुजविशाल, नयनाभिराम सिंहचाल, दुःखहर्ता, सुखकर्ता, मर्मतत्व आयुध प्रवान।
तुलसी की मानस में, बाल्मिकी की रामायण में, कोटि कोटि वंदन है कोटि कोटि शत विधान।
राम जब विराजेंगे, शुभ मंगल साजेंगे, राम कृपा सागर हैं, सूरज से आवेंगे।
युगों की प्रतीक्षा है, युगों की तपस्या है, वर्षों की इच्छाऐं, पल्लव पुष्पित होकर चलीं।
आनंद उमंग है. . . . . . .
हर हर महादेव, जय सियाराम, हर ह
र महादेव, जय जय सियाराम।
Leave A Comment
You must be logged in to post a comment.