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विश्व पालक किसान

आमंत्रण क्रमांक :– “कल्प/दिसम्बर/2024/स”
विषय :- “किसान और खेत”
शीर्षक :- “विश्व पालक किसान”
विधा :- काव्य
भाषा :- हिन्दी

जो अखिल विश्व का, पोषक और विधाता है।
वो कर में हल लेकर, खुद खेतों में जाता है।।

 

जो पशुओं को भी, बच्चों सा नहलाता है,
वो पशुओं का हर दुःख, अपना कहलाता है,
जो खेतों को उर बना, उर्वर करता जाता है।
वो कर में हल लेकर, खुद खेतों में जाता है।।

 

जो आप कुटुम्ब का पालन, करता जाता है,
वो विश्व कुटुम्ब की भूख भी, हरता जाता है,
जो रक्त, स्वेद और जल से, अन्न उगाता है।
वो कर में हल लेकर, खुद खेतों में जाता है।।

 

जग जिसके श्रम की खाकर, जीवन पाता है,
वो खेतीहर मजदूर, ऋण से ही मर जाता है,
जो अनपढ़ पढ़ों की, दुत्कार सहता जाता है।
वो कर में हल लेकर, खुद खेतों में जाता है।।

 

जो वसनहीन रह, नभ को वसन बनाता है,
जो खुद भूखा रह कर भी, चहकता जाता है,
जो जग अनदाता बन, कृषक कहलाता है।
वो कर में हल लेकर, खुद खेतों में जाता है।।

 

काव्यकार :-
रामअवतार स्वामी
(उनियारा टोंक राजस्थान)

RAMAWATAR SWAMI

One Reply to “विश्व पालक किसान”

  • पवनेश

    राधे राधे 🙏
    अन्नदाता को समर्पित भावपूर्ण सृजन हेतु सादर बधाई रामावतार जी, सादर 🙏🌹🙏

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