Dark

Auto

Light

Dark

Auto

Light

sita1-2023-12-689b94d7059a0576ed7b562bb3b83c89

शतानन रावण युद्ध

 

है राम कहानी, है राम कहानी, सियाराम कहानी, सुनो हे राम कहानी।

युगों युगों से देश देश में कही सुनी गई जानी।

है राम कहानी, है राम कहानी, सियाराम कहानी, सुनो हे राम कहानी।

राम कथा यह मातृ शौर्य की अद्भुद अमिट कहानी।

है राम कहानी, है राम कहानी, सियाराम कहानी, सुनो हे राम कहानी।

 

01) तार अहिल्या, मार ताड़का, तोड़ शिव धनुष, जनकपुरी गए ब्याहें।

रूप अरूपा, खर दूषण हत, बाली वधकर, तार जटायु, शबरी मान बढ़ाएं। 

शिव को पूजे, सागर पारें, बानर दल ले लंका पहुंचे, निति – रीति बरसाएं।

सहित दशानन, कुंभकर्ण से, मेघनाद तक, सकल निशाचर लई थाह सुखमानी।।

है राम कहानी, है राम कहानी, सियाराम कहानी, सुनो हे राम कहानी।

 

02) जन मानस की आस के रक्षक, धर्म ध्वजा के तुम संरक्षक, विप्र धेनु सेवा मर्यादा है प्यारी।

भ्रात प्रेम शिखर अनूठे, मित्र सखा तुम सबके गूंथे, तात – मात के मान सरीखे हे कोदण्ड के धारी।

यशोगान महिमा प्रभु की सुन, जनकनंदिनी बूझे सुन गुन, मृदुल नयन मां के मुखमण्डल पर आई मुस्कारी। 

निरख अवधपति लगे पूछनें, प्रभु शतानन शेष अभी है माता कह सकुचानी।

है राम कहानी, है राम कहानी, सियाराम कहानी, सुनो हे राम कहानी।

 

03) दिव्यायुद्ध धर, ब्रह्म वरदानी, रक्तबीज सम, शिव कृपा असुर अधिकारी।

सप्त सिंधु के तीर उतागर, सहस्त्रस्कंध लोक उतल तर, स्कंधी लंका पर आसित मायाचारी।

लखन भरत रिपुसुदन सियापति अंगद सुग्रीव कीर्तिमान संग, 

सहस त्रयोदश योजन सिंधु के सेना पार उतारी।

शत योजन विस्तारित स्कंधि, दिशा भेद से रक्षित नगरी, मारुति नंदन के पौरुष से बिखरी माटी मानी। 

है राम कहानी, है राम कहानी, सियाराम कहानी, सुनो हे राम कहानी।

 

04) सहस अहौक्षिणी रामादल सब, इक शर के शोधन के भीतर, पुनः अवधपुरी एक निमिष में शतआनन ने पठवाया। 

ब्रह्म वाक्य महिमा पालन हित, शीश झुकाया रघुनंदन ने, मूर्च्छा को गले लगाया।

धरणीपर धरणीधर पाकर, विकट रोष में, रूप असिता मां जगदम्बा ने अपनाया। 

भर भृकुटि कर शूर असुर पर, धरा ढांप ली बजरंगी ने, माता शीश उतार समानी।

है राम कहानी, है राम कहानी, सिया

राम कहानी, सुनो हे राम कहानी।

पवनेश

One Reply to “शतानन रावण युद्ध”

  • Radha Shri Sharma

    राम कहानी का सुन्दर चित्रण
    शतानन का वध सचमुच ही एक दुष्कर कार्य था, जिसे माता ने सहज ही निपटा दिया। जय माँ महालक्ष्मी, जय माँ जानकी
    🪷🏵️🪷
    🪷🙏🪷

Leave A Comment