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साथी आगे बढ़ते जाना

विशिष्ट आमंत्रण क्रमांक :–!! “कल्प/सितम्बर/२०२४/द”
विधा: काव्य

शीर्षक: साथी आगे बढ़ते जाना

संघर्षों के जीवन पथ पर
तुम थक कर ना रुक जाना…..
साथी आगे बढ़ते जाना,
साथी आगे बढ़ते जाना….

लक्ष्य कठिन हो पथ दुर्गम चाहे हो लंबी दूरी,
छोटे छोटे कदमों से भी हो ज़ाती है पूरी,
रखना मन में उत्साह, साथ ही धीरज धरते जाना
साथी आगे बढ़ते जाना ….
साथी आगे बढ़ते जाना……

बाधाओं से घबराकर ना खोना मन का संबल,
आत्मविश्वास को थामे ऊँचा रखना सदा मनोबल,
तिमिर निशा मे भी तुम दीपक जैसे जलते जाना
साथी आगे बढ़ते जाना……
साथी आगे बढ़ते जाना……

हो प्रयत्न पूरा पर आशा पर पानी फिर जाये,
घोर निराशा के बादल मन पर चाहे घिर आयें,
लेकिन तुम अपने साहस के बल पर चलते जाना
साथी आगे बढ़ते जाना ……
साथी आगे बढ़ते जाना……

-स्वाति श्रीवास्तव
भोपाल 

Swati Shrivastava

One Reply to “साथी आगे बढ़ते जाना”

  • पवनेश

    बहुत सुंदर सृजन स्वाति जी, राधे राधे 🙏🌹🙏

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