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साप्ताहिक प्रतियोगिता – कल्प/जून/२०२४/अ

✍🏻 !! “साप्ताहिक प्रतियोगिता आमंत्रण – कल्प/जून/२०२४/अ” !! ✍🏻

 

विशिष्ट आमंत्रण क्रमांक :- कल्प/जून/२०२४/अ

विषय :- “!! मेरा जन्मदिन !!”

समयावधि :- दिनाँक ०३/०६/२०२४ प्रातः ८.०० बजे से ०७/०६/२०२४ रात्रि १०.०० बजे तक

 विधा :- स्वैच्छिक

 भाषा :- हिन्दी, संस्कृत 

 

विषय विशेष :- !! “मेरी कलम – मेरा विशेष दिन” !! 

 

विशेष :-  हम सभी के लिए हमारा जन्मदिन बहुत महत्वपूर्ण होता है। हम अपने जन्म के समय और छुटपन की क्रीडाओं को जानने के लिए सदैव उत्सुक और उत्साहित रहते हैं। तो आइये आज अपने उन्हीं पलों को कलमबद्ध करें – अपने लिये कुछ लिखें।

 

आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं

 

कल्प कथा के नियम :—

✍🏻 कल्पकथा के सभी आमंत्रणों में रचना भेजते समय सबसे ऊपर आमंत्रण क्रमांक, फिर विषय, फिर शीर्षक और नीचे लेखक/लेखिका का नाम होना अनिवार्य है। उसके बिना रचनाएं सम्मिलित नहीं की जायेंगी।

✍🏻 कल्पकथा वेबसाइट पर रचना प्रतियोगिता श्रेणी के अंतर्गत लिखने पर प्रति प्रतियोगिता प्रमाणपत्र एवं मासिक विशेष सम्मान दिया जाएगा। 

✍🏻 साप्ताहिक प्रतियोगिता आमंत्रण में सभी प्रमाणपत्र श्रेष्ठ, उत्तम और सहभागिता रूप में तीन प्रकार के रहेंगे।

✍🏻 मासभर सभी प्रतियोगिता आमंत्रणों में प्रतिभाग करने पर श्रेष्ठ, किन्ही तीन में प्रतिभाग करने पर उत्तम और दो में प्रतिभाग करने पर सहभागिता प्रमाणपत्र रहेगा।

✍🏻 साप्ताहिक प्रतियोगिता आमंत्रण में विविध विधाओं में लिखने वाले लेखकों को “कल्प कलम श्री” सम्मान से सम्मानित किया जायेगा।

✍🏻 दैनिक प्रतियोगिता आमंत्रण में आई रचनाओं के सभी श्रेष्ठ रचनाकारों को “कल्प विधा श्री” सम्मान से सम्मानित किया जायेगा। 

✍🏻 कल्पकथा की ऑनलाइन काव्य गोष्ठियों में प्रतिभागियों को “कल्प काव्य श्री” सम्मान से सम्मानित किया जायेगा। 

✍🏻 आपकी सभी रचनाएं स्वरचित एवं मौलिक होनी चाहिए। किसी भी प्रकार के कॉपीराइट इशू के लिए लेखक स्वयं जिम्मेदार होगा।

✍🏻 कल्पकथा पर किसी भी प्रकार का व्यक्तिगत, सामुहिक या राजनैतिक प्रचार-प्रसार पूर्णतः प्रतिबंधित है।

✍🏻 यदि आप कल्पकथा संदेशों से इतर कोई व्यक्तिगत, राजनैतिक या सामुहिक विज्ञापन करना चाहते हैं तो आप संस्थापक निर्देशक या संस्थापक निदेशक कोषाध्यक्ष को इसका शुल्क जमा करवा कर प्रचार-प्रसार कर सकते हैं। 

✍🏻 यदि आप बिना अनुमति लिये किसी भी प्रकार का राजनैतिक, व्यक्तिगत या सामुहिक लिंक, पोस्ट या फिर कोई चित्र/चलचित्र आदि डालते हैं तो आप पर तुरंत 25000/- रुपये का जुर्माना लगाया जायेगा, जो संस्था नियमों के अनुसार अवश्य ही देय होगा। 

 

लिखते रहिये ✍🏻 , पढते रहिये 📖 और बढ़ते रहिये।

 

✍🏻 कल्प आमंत्रण अध्यक्ष

—: कल्पकथा परिवार :— 

Kalpkatha

One Reply to “साप्ताहिक प्रतियोगिता – कल्प/जून/२०२४/अ”

  • पवनेश

    ✍🏻 *!! “कल्पकथा साप्ताहिक आमंत्रण – मेरा जन्मदिन” !!* ✍🏻

    *विशिष्ट आमंत्रण क्रमांक :- कल्प/जून/२०२४/अ*
    *विषय :- “!! मेरा जन्मदिन !!”*
    *विधा :- पत्रकथा*
    *भाषा :- हिन्दी,*
    *शीर्षक:- मेरा जन्मदिन*

    राधे राधे दीदी,
    अत्रकुशलम तत्रास्तु,

      दीदी, 
           कल्पकथा साहित्य संस्था ने इस बार साप्ताहिक आमंत्रण प्रतियोगिता में विषय “मेरा जन्मदिन” है। सचमुच दीदी विषय देखकर मन मयूर नाच उठा है। बचपन में आपके साथ मनाए गए जन्म दिनों की अनेकों स्मृतियां मेरे स्मृति पटल पर तैरने लगी। 

        दीदी, 
              यूं तो हर सुबह आप मुझे बड़े लाड से जगाती रही हो लेकिन बचपन से लेकर आपके विवाह तक हर जन्म दिन की सुबह आपके लाड में स्नेह माधुर्य अन्य दिनों की अपेक्षा कई गुणा अधिक मिलता रहा। “हैप्पी बर्थडे लड्डू” कहते हुए आपकी स्नेह पूरित आवाज सुनकर स्वयमेव ही मेरे चेहरे पर मुस्कुराहट सज जाती। जैसे ही मैं आपके पैरों में चरण वंदना करता तो स्नेहाशीष की मानों बारिश से होने लगती, उसके बाद आता मेरा सबसे प्रतिक्षित पल जब आपके हाथों से उपहार में हर बार वही कुछ सामान होता जो पाने की सबसे ज्यादा ईच्छा होती थी पता नहीं कैसे दीदी हर बार बिना बताए आपको पता लग जाता कि हमें क्या चाहिए। 

        दीदी, 
             आपको याद है ना मेरा आठवां जन्म दिन जब आपने अपने हाथों से बुनकर मुझे स्वेटर दिया था। आपने मुझे तो क्या मम्मी को भी पता नहीं लगने दिया कि आपने मुझे उपहार देने के लिए अपने हाथों से स्वेटर बुनना सीखा और स्वेटर न सिर्फ बुना बल्कि मेरा सबसे पसंदीदा गोलू हाथी भी आपने हरे रंग की ऊन से उकेरा था।

          दीदी, 
            मेरे बारहवें जन्म दिन पर आपने जो क्रिकेट बैट और किट विशेष रूप से दिल्ली से मंगवाई थी उसको भूलने का तो प्रश्न ही नहीं उठता। सचमुच दीदी उस समय सचिन तेंदुलकर की तरह गेंद पर आगे बढ़कर छक्का मारने के ही सपने देखते थे। हर बार की तरह उपहार पाकर जितना हम खुश होते उससे ज्यादा आप खुश होती थीं। 

         दीदी,
          मेरे दसवें जन्म दिन पर आपने मुझे ऐसा उपहार दिया जिसने मुझे हमेशा सही मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित किया। जीवन में जब भी कभी उलझन आई तो आपके उसी उपहार यानि श्रीमद्भागवत गीता जी ने मार्गदर्शन किया। सचमुच दीदी श्रीमद्भागवत गीता जी को पढ़कर, चिंतन कर, अप्राप्य लक्ष्य भी प्राप्त किए जा सकते हैं। 

        दीदी, 
           पापा- मम्मी के साथ आपने हर बार सही शिक्षा, सही निर्णय, सही विचार, के साथ मार्गदर्शन किया है। मेरे सोलहवें जन्म दिन पर आपने बचपन से ही रोपित किए गए संस्कारों में से स्त्री सम्मान पर जो मर्यादित आचरण मृदुल सौम्य भाव से समझाया वह निसंदेह आजीवन संग्रहित अमूल्य निधि है। 

         दीदी, 
       अठारहवें जन्म दिन पर आपने मतदान के प्रति जागरूक करते हुए हमें मतदान, लोकतंत्र, और राष्ट्रीय दायित्व का बोध मुझे कभी मेरे राष्ट्रीय कर्त्तव्य भूलने नहीं देता। राष्ट्र प्रेम और देश भक्ति की भावना आपने मुझे आशीष के साथ सिंचित की है उसके साथ हम हर बार खुद राष्ट्रीय कर्तव्य को पूर्ण करते हुए अपने आप में आनंदित होते हैं। 

       दीदी, 
        सारी बातों के साथ हमारे ग्यारहवें जन्म दिन को कैसा भूला जा सकता है जब आपने बेकरी वाले भईया की क्या जोरदार क्लास लगाई थी जब उनके स्टाफ ने कस्टमाइज केक गलती से मेरे नाम के आगे मास्टर की जगह मिसेज कैप्शन जोड़ दिया। आपने उसी समय उनकी बेकरी में तुरंत सही केक बनवाया और पार्टी में लेकर आईं। आज भी बेकरी वाले भईया मिलते हैं तो आपके लिए जरूर पूछते हैं। “भईया दीदी कैसी है?”

        दीदी, 
             हमारे हर जन्म दिन को आपने विशेष से भी विशेष बनाया जैसे पिछले जन्म दिन पर आपने हमारी रचनाओं को संकलित पुस्तक प्रकाशित करवा दी और हमने बचपन में कई बार मस्ती करते हुए आपके जन्म दिन पर कोई न कोई एक काम ऐसा जरुर किया जिसके बदले में कान खींचे जाते मगर वहां पर भी हमारा सबसे विश्वस्त सुरक्षा कवच यानि हमारी दीदी, यानि आप हर बार परिस्थिति को सम्हाल लेती। हमें अपने आंचल में छुपा लेती, कहतीं “मेरा लड्डू है नादानियां करते हुए और भी सुंदर लगता है।” 

       दीदी, 
           फिर से आपका जन्म दिन आने वाला है हम सभी ठाकुर जी से प्रार्थना है करते हैं कि हमारी दीदी का ऐसे ही लाड दुलार उड़ेलता व्यक्तित्व हम सभी को अपने आशीर्वाद की छाया में सुखी रखें। राधे राधे दीदी, चरण वंदना।

    आपका 
    लड्ड

    ✍️ रचना प्रयास:- पवनेश मिश्रा।

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