
!! “साप्ताहिक प्रतियोगिता :- महारास पूर्णिमा : शरदोत्सव” !!
- Kalpkatha
- 14/10/2024
- लेख
- प्रतियोगिता
- 1 Comment
✍🏻 !! “साप्ताहिक आमंत्रण – कल्प/अक्तूबर/२०२४/अ” !! ✍🏻
📜 !! विशिष्ट आमंत्रण क्रमांक :– कल्प/अक्तूबर/२०२४/अ !! 📜
📚 विषय :- !! “महारास पूर्णिमा – शरदोत्सव” !! 📚
⏰ समयावधि :- दिनाँक १४/१०/२०२४ प्रातः ८.०० बजे से १८/१०/२०२४ रात्रि १०.०० बजे तक ⏰
🪔 विधा :- !! “काव्य, कहानी, लेख” !! 🪔
📢 भाषा :- !! “हिन्दी, संस्कृत” !! 📣
⚜️ विषय विशेष :- अपनी उर्वर शक्ति को सकारात्मक रंग देकर सुन्दर भावनाओं का सृजन करें।। ⚜️
💎 !! “आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं” !! 💎
📢 कल्प कथा के नियम :- 📢
✍🏻 कल्प आमंत्रण प्रतियोगिता में रचना भेजते समय रचना में *ऊपर आमंत्रण क्रमांक, विषय एव शीर्षक और नीचे लेखक/लेखिका का नाम होना आवश्यक है।* उसके बिना रचनाएं सम्मिलित नहीं की जायेंगी।
✍🏻 कल्पकथा वेबसाइट पर रचना प्रतियोगिता श्रेणी के अंतर्गत लिखने पर प्रति प्रतियोगिता प्रमाणपत्र एवं मासिक विशेष सम्मान दिया जाएगा।
✍🏻 साप्ताहिक आमंत्रण में सभी प्रमाणपत्र श्रेष्ठ, उत्तम और सहभागिता रूप में तीन प्रकार के रहेंगे।
✍🏻 मासभर सभी आमन्त्रणों में प्रतिभाग करने पर श्रेष्ठ, किन्ही तीन में प्रतिभाग करने पर उत्तम और दो में प्रतिभाग करने पर सहभागिता प्रमाणपत्र रहेगा।
✍🏻 साप्ताहिक आमंत्रण में विविध विधाओं में लिखने वाले लेखकों को *”कल्प कलम श्री”* सम्मान से सम्मानित किया जायेगा।
✍🏻 दैनिक आमंत्रण में आई रचनाओं के सभी श्रेष्ठ रचनाकारों को *”कल्प विधा श्री”* सम्मान से सम्मानित किया जायेगा।
✍🏻 कल्पकथा की ऑनलाइन काव्य गोष्ठियों में प्रतिभागियों को *”कल्प काव्य श्री”* सम्मान से सम्मानित किया जायेगा।
✍🏻 आपकी सभी रचनाएं स्वरचित एवं मौलिक होनी चाहिए। किसी भी प्रकार के कॉपीराइट इशू के लिए लेखक स्वयं जिम्मेदार होगा।
✍🏻 कल्पकथा पर किसी भी प्रकार का व्यक्तिगत, सामुहिक या राजनैतिक प्रचार-प्रसार पूर्णतः प्रतिबंधित है।
✍🏻 यदि आप कल्पकथा संदेशों से इतर कोई व्यक्तिगत, राजनैतिक या सामुहिक विज्ञापन करना चाहते हैं तो आप संस्थापक निर्देशक या संस्थापक निदेशक कोषाध्यक्ष को इसका शुल्क जमा करवा कर प्रचार-प्रसार कर सकते हैं।
✍🏻 यदि आप बिना अनुमति लिये किसी भी प्रकार का राजनैतिक, व्यक्तिगत या सामुहिक लिंक, पोस्ट या फिर कोई चित्र/चलचित्र आदि डालते हैं तो आप पर तुरंत 25000/- रुपये का जुर्माना लगाया जायेगा, जो संस्था नियमों के अनुसार अवश्य ही देय होगा।
✍🏻 लिखते रहिये, 📖 पढते रहिये और 🚶 बढ़ते रहिये। 🌟
✍🏻 कल्प आमंत्रण अध्यक्ष
—: कल्पकथा परिवार :—
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पवनेश
✍🏻 !! “साप्ताहिक आमंत्रण – कल्प/अक्तूबर/२०२४/अ” !! ✍🏻
📜 विशिष्ट आमंत्रण क्रमांक :– कल्प/अक्तूबर/२०२४/अ 📜
📚 विषय :- !! “महारास पूर्णिमा – शरदोत्सव” !! 📚
🪔 विधा :- !! “काव्य” !! 🪔
📢 भाषा :- !! “हिन्दी” !! 📣
🎯 “शीर्षक:- महारास पूर्णिमा” 🎯
शरद चाँदनी में नर्तन कर, गूँज उठी श्री राधा श्यामा,
कान्हा की मुरली के सुर में, सजी प्रेम धुन श्री मधुरामा।
यमुना तीरे वृंदावन में, सजी अलौकिक रास सभासर,
गोपिन के संग कान्हा खेलें, उत्सव उमंग बलि अभिरामा।।
तारों की हैं दीप मालाऐं, अचला रचने लगीं अनंत आनंद,
रास के रत्न जड़े नभ में हैं, अमृत चंद्र बना आलोकामंत्र।
गोपिन के नयनों में सुखकर, जगी प्रेम की पावन ज्योत,
कृष्ण छटा में डूबे तन मन, सरस मधुर जीवन सुगंध।।
प्रीत रीति की परा शक्तियाँ, सजी रास-धारा की महिमा,
शब्द मौन पर नर्तन बोले, देखो प्रेम-भाव की गरिमा।
पूनम की इस उजियारी में, सुर मुनि देव भगत को संगम,
शरदोत्सव का पावन अवसर, अद्भुद राधाकृष्ण सी प्रतिमा ।।
अच्युत भक्ति की क्रीड़ा में, अनहद नाद प्रेम स्वर गूंजे,
महारास की पुण्य बेला में, कण कण रंग रास से भींजे।
गोप-सखाओं ने छेड़ी तान, सिंधु लहर सी उठी रागिनी,
मुरलीधर के अधर पे मुरली, मोर पंख चढ़ शीश विराजें।।
भक्ति डोर की गांठ में रसकर, कान्हा बंधे बिना कोई मोल,
शरद पूर्णिमा का ये उत्सव, रहस्य समर्पण का अनमोल।
नटवर नागर गिरधर गोविंद, छैल छबीले छलिया नटखट,
माधव, केशव, बालगोपाला, दयानिधि इक, अगणित बोल।।