
⛩️ !! “कल्पकथा साप्ताहिक आमंत्रण : जय जगन्नाथ” !! ⛩️
- Kalpkatha
- 23/06/2025
- लेख
- प्रतियोगिता
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⛩️ !! “कल्पकथा साप्ताहिक आमंत्रण : जय जगन्नाथ” !! ⛩️
📜 विशिष्ट आमंत्रण क्रमांक :– !! “कल्प/जून/२०२५/द” !! 📜
📚 विषय :- !! “जय जगन्नाथ” !! 📚
⏰ समयावधि :- दिनाँक २३/०६/२०२५ प्रातः ०८.०० बजे से दिनाँक २७/०६/२०२५ रात्रि १०.०० बजे तक ⏰
🪔 विधा :- !! “स्वैच्छिक” !! 🪔
📢 भाषा :- !! “हिन्दी, संस्कृत” !! 📣
⚜️ विषय विशेष : – भगवान श्री जगन्नाथ जी की रथ यात्रा पर आपकी स्व सृजित मनभावन रचनायें। ⚜️
💎 !! “आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं” !! 💎
📢 कल्प कथा के नियम :- 📢
✍🏻 कल्प आमंत्रण प्रतियोगिता में रचना भेजते समय रचना में ऊपर आमंत्रण क्रमांक, विषय एव शीर्षक और नीचे लेखक/लेखिका का नाम होना आवश्यक है। उसके बिना रचनाएं सम्मिलित नहीं की जायेंगी।
✍🏻 सभी रचनायें लिखित रूप में ही स्वीकार्य रहेंगी।
✍🏻 कल्पकथा वेबसाइट पर रचना प्रतियोगिता श्रेणी के अंतर्गत लिखने पर प्रति प्रतियोगिता प्रमाणपत्र एवं मासिक विशेष सम्मान दिया जाएगा।
✍🏻 साप्ताहिक आमंत्रण में सभी प्रमाणपत्र श्रेष्ठ, उत्तम और सहभागिता रूप में तीन प्रकार के रहेंगे।
✍🏻 मासभर सभी आमन्त्रणों में प्रतिभाग करने पर श्रेष्ठ, किन्ही तीन में प्रतिभाग करने पर उत्तम और दो में प्रतिभाग करने पर सहभागिता प्रमाणपत्र रहेगा।
✍🏻 साप्ताहिक आमंत्रण में विविध विधाओं में लिखने वाले लेखकों को “कल्प कलम श्री” सम्मान से सम्मानित किया जायेगा।
✍🏻 दैनिक आमंत्रण में आई रचनाओं के सभी श्रेष्ठ रचनाकारों को “कल्प विधा श्री” सम्मान से सम्मानित किया जायेगा।
✍🏻 कल्पकथा की ऑनलाइन काव्य गोष्ठियों में प्रतिभागियों को “कल्प काव्य श्री” सम्मान से सम्मानित किया जायेगा।
✍🏻 आपकी सभी रचनाएं स्वरचित एवं मौलिक होनी चाहिए। किसी भी प्रकार के कॉपीराइट इशू के लिए लेखक स्वयं जिम्मेदार होगा।
✍🏻 कल्पकथा पर किसी भी प्रकार का व्यक्तिगत, सामुहिक या राजनैतिक प्रचार-प्रसार पूर्णतः प्रतिबंधित है।
✍🏻 यदि आप कल्पकथा संदेशों से इतर कोई व्यक्तिगत, राजनैतिक या सामुहिक विज्ञापन करना चाहते हैं तो आप संस्थापक निर्देशक या संस्थापक निदेशक कोषाध्यक्ष को इसका शुल्क जमा करवा कर प्रचार-प्रसार कर सकते हैं।
✍🏻 यदि आप बिना अनुमति लिये किसी भी प्रकार का राजनैतिक, व्यक्तिगत या सामुहिक लिंक, पोस्ट या फिर कोई चित्र/चलचित्र आदि डालते हैं तो आप पर तुरंत 25000/- रुपये का जुर्माना लगाया जायेगा, जो संस्था नियमों के अनुसार अवश्य ही देय होगा।
✍🏻 लिखते रहिये, 📖 पढते रहिये और 🚶 बढ़ते रहिये। 🌟
✍🏻 कल्प आमंत्रण अध्यक्ष
—: कल्पकथा प्रबंधन :—
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Kalpkatha Admin
🔱 विशिष्ठ आमंत्रण क्रमांक :– !! “कल्प/जून/२०२५/द” !! 🔱
🦚 विषय :- !! “जय जगन्नाथ” !! 🦚
🪔 विधा :- कविता
📜 शीर्षक :- रथ पर सवार प्रभु जगन्नाथ
जय जगन्नाथ!
रथ चढ़े महाप्रभु, भक्तों की भीड़ उमड़ती है,
हर आँखों में आशा है, हर वाणी में श्रद्धा बहती है।
पुरी की गलियों में गूंजे हरि नाम की गाथा,
रथ की लकड़ी से भी महकती है प्रभु की परछाई।
सुभद्राजी संग बलभद्र विराजे, मधुर मुस्कान लुभाए,
चक्रधर विष्णु रथ पर आकर, जग को प्रेम सिखाए।
न राजा रहे, न रंक यहाँ, सब भक्त समभाव,
दर्शन मात्र से मिट जाते हैं जन्म-जन्म के घाव।
मन का रथ सजाकर चलो, श्रद्धा की राह पकड़,
भक्ति का घोड़ा हो आगे, प्रेम के पहिए ज्यों चलें।
जय जगन्नाथ का निनाद जब हृदय में गूंजे,
हर आत्मा हर पल प्रभु में ही मग्न हो पूजे।
✍🏻 लेखक: डॉ. पंकज कुमार बर्मन, कटनी, मध्यप्रदेश