⛩️ !! “कल्प साप्ताहिक आमंत्रण : मेरी प्रिय पुस्तक” !! ⛩️
- Kalpkatha
- 2024-11-11
- लेख
- प्रतियोगिता
- 1 Comment
⛩️ !! “साप्ताहिक आमंत्रण – कल्प/नवम्बर/२०२४/ब” !! ⛩️
📜 विशिष्ट आमंत्रण क्रमांक :– !! “कल्प/नवम्बर/२०२४/ब” !! 📜
📚 विषय :- !! “मेरी प्रिय पुस्तक” !! 📚
⏰ समयावधि :- दिनाँक ११/११/२०२४ प्रातः ८.०० बजे से १५/११/२०२४ रात्रि १०.०० बजे तक ⏰
🪔 विधा :- !! “स्वैच्छिक” !! 🪔
📢 भाषा :- !! “हिन्दी, संस्कृत” !! 📣
⚜️ विषय विशेष :- आपकी उर्वर शक्ति को सकारात्मक रंग देकर सुन्दर भावनाओं का सृजन करें।। ⚜️
💎 !! “आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं” !! 💎
📢 कल्प कथा के नियम :- 📢
✍🏻 कल्प आमंत्रण प्रतियोगिता में रचना भेजते समय रचना में “ऊपर आमंत्रण क्रमांक, विषय एव शीर्षक और नीचे लेखक/लेखिका का नाम” होना आवश्यक है। उसके बिना रचनाएं सम्मिलित नहीं की जायेंगी।
✍🏻 कल्पकथा वेबसाइट पर रचना प्रतियोगिता श्रेणी के अंतर्गत लिखने पर प्रति प्रतियोगिता प्रमाणपत्र एवं मासिक विशेष सम्मान दिया जाएगा।
✍🏻 साप्ताहिक आमंत्रण में सभी प्रमाणपत्र श्रेष्ठ, उत्तम और सहभागिता रूप में तीन प्रकार के रहेंगे।
✍🏻 मासभर सभी आमन्त्रणों में प्रतिभाग करने पर श्रेष्ठ, किन्ही तीन में प्रतिभाग करने पर उत्तम और दो में प्रतिभाग करने पर सहभागिता प्रमाणपत्र रहेगा।
✍🏻 साप्ताहिक आमंत्रण में विविध विधाओं में लिखने वाले लेखकों को “कल्प कलम श्री” सम्मान से सम्मानित किया जायेगा।
✍🏻 दैनिक आमंत्रण में आई रचनाओं के सभी श्रेष्ठ रचनाकारों को “कल्प विधा श्री” सम्मान से सम्मानित किया जायेगा।
✍🏻 कल्पकथा की ऑनलाइन काव्य गोष्ठियों में प्रतिभागियों को “कल्प काव्य श्री” सम्मान से सम्मानित किया जायेगा।
✍🏻 आपकी सभी रचनाएं स्वरचित एवं मौलिक होनी चाहिए। किसी भी प्रकार के कॉपीराइट इशू के लिए लेखक स्वयं जिम्मेदार होगा।
✍🏻 कल्पकथा पर किसी भी प्रकार का व्यक्तिगत, सामुहिक या राजनैतिक प्रचार-प्रसार पूर्णतः प्रतिबंधित है।
✍🏻 यदि आप कल्पकथा संदेशों से इतर कोई व्यक्तिगत, राजनैतिक या सामुहिक विज्ञापन करना चाहते हैं तो आप संस्थापक निर्देशक या संस्थापक निदेशक कोषाध्यक्ष को इसका शुल्क जमा करवा कर प्रचार-प्रसार कर सकते हैं।
✍🏻 यदि आप बिना अनुमति लिये किसी भी प्रकार का राजनैतिक, व्यक्तिगत या सामुहिक लिंक, पोस्ट या फिर कोई चित्र/चलचित्र आदि डालते हैं तो आप पर तुरंत 25000/- रुपये का जुर्माना लगाया जायेगा, जो संस्था नियमों के अनुसार अवश्य ही देय होगा।
✍🏻 लिखते रहिये, 📖 पढते रहिये और 🚶 बढ़ते रहिये। 🌟
✍🏻 कल्प आमंत्रण अध्यक्ष
—: कल्पकथा परिवार :—
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पवनेश
✍🏻 !! “साप्ताहिक आमंत्रण – कल्प/नवम्बर/२०२४/ब” !! ✍🏻
📜 विशिष्ट आमंत्रण क्रमांक :– कल्प/नवम्बर/२०२४/ब 📜
📚 विषय :- !! “मेरी प्रिय पुस्तक” !! 📚
🪔 विधा :- !! “काव्य” !! 🪔
📢 भाषा :- !! “हिन्दी” !! 📣
🎯 “!! शीर्षक:- मेरा प्रिय ग्रन्थ – विनय पत्रिका !!” 🎯
पावन “विनय पत्रिका”, तव महिमा अपार,
भक्ति-मार्ग में हो सदा, अनुपम अनुग्रह की धार।
गोस्वामी तुलसी का, यह विनीत ग्रन्थ महान,
हरि चरण में समर्पित, भक्ति का पावन गान।
शब्दों में संजीवनी, भावों की अमृत रसधार,
जिनमें प्रभु सच्चिदानंद का रूप हुआ साकार।
हरि संग प्रीति की यह गाथा अद्भुत, अनुपम,
जो मन को देती शांति, हर लेती जीवन का तम।।
भक्त का अर्चन, समर्पण का यह अलौकिक स्वर,
प्रभु के चरणों में लीन, भगति का सहज प्रवर।
विनय का संजीवनी स्रोत, जीवन का आधार,
भक्ति-भाव से ओत-प्रोत, यह भक्तों का उद्धार।।
तुलसी ने गाया प्रभु की महिमा का अमृतगान,
बसा हृदय में तुलसी के श्रीराम का चरित्र महान।
अज्ञान के तम को हरता, हरि का यह सच्चा प्रेम,
पाप, मलीनता, त्याग राममय पावन श्रद्धा क्षेम।।
अहा तुलसी के काव्य, अमर हो गया युगों तक,
जन जन के प्रभु राम, राम ही राम भजो सब।
“विनय पत्रिका” की यह वाणी गाते साधु संत,
प्रभु कृपा का पुण्य गान यह जाकी कृपा अनंत।।
✍️:- पवनेश मिश्रा।