3. !!”कल्प सृजन प्रवाह प्रतियोगिता”!!
- Ankita Shrivastava
- 2024-10-05
- काव्य
- नवरात्रि विशेष, प्रतियोगिता, मां चंद्रघंटा
- 1 Comment
!! अश्विन मास शारदीय नवरात्र विशेष!!
!! “विषय : मां चंद्रघंटा”!!
विशिष्ट आमंत्रण क्रमांक:
कल्प/अक्तूबर/२०२४/क३/तृतीया
विधा: काव्य
भाषा : हिन्दी
नवदुर्गा का तीजा रूप, चंद्रघंटा मां का स्वरूप
निर्मल काया, सिंह असवार
मां देती भक्तों को प्यार
दस भुजाओं में शस्त्र सोहे
कंठ में है श्वेत हार
मस्तक पर चंद्र रूप घंटा
मां सुनती हैं सबकी पुकार
भक्तों को देती है मां शक्ति की धार
दुष्टों का करती पल में संहार
घंटे की ध्वनि से दूर होते जीवन के सब विकार
मां की कृपा से आती है सुख समृद्धि की बहार
One Reply to “3. !!”कल्प सृजन प्रवाह प्रतियोगिता”!!”
Leave A Comment
You must be logged in to post a comment.
पवनेश
जय मां चंद्रघंटा,
मां चंद्रघंटा को समर्पित उत्तम सृजन हेतु सादर बधाई।
🙏🌹🙏