
“वो हमारे परमवीर”
- पवनेश
- 22/04/2024
- मुक्तक
- एवं कैप्टन योगेंद्र यादव जी, को सादर समर्पित।, परमवीर चक्र से सम्मानित कैप्टन बाना सिंह जी, राइफलमैन संजय कुमार जी
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कीर्ति जिनकी है अजर, तेज जिनका है प्रखर, शौर्य जिनका है अमर,
देश जिनका मन हैं प्राण हैं।
वो हमारे परमवीर, वो हमारे स्वाभिमान हैं। – 2
राष्ट्र जिनकी चेतना, राष्ट्र जिनकी वंदना, राष्ट्र जिनकी प्रार्थना, राष्ट्र जिनकी आन बान हैं।
वो हमारे परमवीर, वो हमारे स्वाभिमान हैं। – 2
कीर्ति जिनकी है अजर, तेज जिनका है प्रखर, शौर्य जिनका है अमर,
देश जिनका मन हैं प्राण हैं।
वो हमारे परमवीर, वो हमारे स्वाभिमान हैं।- 2
01) युद्ध में प्रवीण वो, शक्ति के अधीन वो, शेर बाना सिंह वो,
आठवीं बटालियन में, ग्लेशियर सियाचिन में, बर्फ की जमीन में।
87 का जून था, खौलता सा खून था, जोश था जुनून था,
सीधी खड़ी चढ़ाई थी, संकरी गहरी खाई थी, संगीन से लड़ाई थी।।
लहराता राष्ट्र ध्वज बाना पोस्ट शान है।
वो हमारे परमवीर, वो हमारे स्वाभिमान हैं।- 2
कीर्ति जिनकी है अजर, तेज जिनका है प्रखर, शौर्य जिनका है अमर,
देश जिनका मन हैं प्राण हैं।
वो हमारे परमवीर, वो हमारे स्वाभिमान हैं।
02) संजय कुमार सैनानी, साहस है तूफानी, काल को भी हैरानी,
मुश्कोह घाटी में, कारगिल की माटी में, आर – पार ठांटी में।
तीन गोलियां खाकर, शत्रु बीच में जाकर, तीन शत्रु संहारे,
शस्त्र छीन रण खोला, एक ने ही जय बोला, यम का भी मन डोला।
भीषण समर का जिसके अभिमान है।
वो हमारे परमवीर, वो हमारे स्वाभिमान हैं। – 2
कीर्ति जिनकी है अजर, तेज जिनका है प्रखर, शौर्य जिनका है अमर,
देश जिनका मन हैं प्राण हैं।
वो हमारे परमवीर, वो हमारे स्वाभिमान हैं।
03) कुमायूं रेजिमेंट है, कैप्टन योगेंद्र हैं, हौसले बुलंद हैं,
वह ग्रेनेडियर बनकर, पैर सांस पर धरकर, जा पहुंचे टाइगर पर।
पहली चौकी लड़ जीते, दूसरी पर चढ़ जीते, तीसरी को अड़ जीते,
बीस पर पड़े भारी, बाघ सी पलट बारी, मौत जिनसे है हारी।।
सैन्य कर्म रक्त में वह प्रधान हैं।
वो हमारे परमवीर, वो हमारे स्वाभिमान हैं।
कीर्ति जिनकी है अजर, तेज जिनका है प्रखर, शौर्य जिनका है अमर,
देश जिनका मन हैं प्राण हैं।
वो हमारे परमवीर, वो हमारे स्वाभिमान हैं। – 2
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