!! “त्रिदिवसीय प्रतियोगिता आमंत्रण :कल्प/जुलाई/2024/क” !!
- Kalpkatha
- 2024-07-29
- लेख
- प्रतियोगिता
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✍🏻 !! “कल्पकथा त्रिदिवसीय प्रतियोगिता आमंत्रण – कल्प/जुलाई/२०२४/क” !! ✍🏻
विशिष्ट आमंत्रण क्रमांक :– कल्प/जुलाई/२०२४/क
विषय :- “!! कथा सम्राट मुन्शी प्रेमचंद !!”
विषय विशेष :- मुंशी प्रेमचन्द जी के जीवन, व्यक्तित्व, कृतित्त्व, संस्मरण, इत्यादि अन्यान्य पक्षों पर आप सभी की सम्मानित लेखनी के सृजन का सादर अभिनंदन।
समयावधि :- दिनाँक २९/०७/२०२४ प्रातः ८.०० बजे से ३१/०७/२०२४ रात्रि १०.०० बजे तक
विधा :- स्वैच्छिक
भाषा – हिन्दी, संस्कृत
विशेष :- ये एक प्रतियोगिता आमंत्रण है। जिसमें श्रेष्ठ पाँच प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र प्रदान किये जायेंगे।
!! आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं !!
कल्प कथा के नियम :-
✍🏻 रचना भेजते समय रचना में ऊपर आमंत्रण क्रमांक, विषय एव शीर्षक और नीचे लेखक/लेखिका का नाम होना चाहिए। उसके बिना रचनाएं सम्मिलित नहीं की जायेंगी।
✍🏻 कल्पकथा वेबसाइट पर रचना प्रतियोगिता श्रेणी के अंतर्गत लिखने पर प्रति प्रतियोगिता प्रमाणपत्र एवं मासिक विशेष सम्मान दिया जाएगा।
✍🏻 साप्ताहिक आमंत्रण में सभी प्रमाणपत्र श्रेष्ठ, उत्तम और सहभागिता रूप में तीन प्रकार के रहेंगे।
✍🏻 मासभर सभी आमन्त्रणों में प्रतिभाग करने पर श्रेष्ठ, किन्ही तीन में प्रतिभाग करने पर उत्तम और दो में प्रतिभाग करने पर सहभागिता प्रमाणपत्र रहेगा।
✍🏻 साप्ताहिक आमंत्रण में विविध विधाओं में लिखने वाले लेखकों को “कल्प कलम श्री” सम्मान से सम्मानित किया जायेगा।
✍🏻 दैनिक आमंत्रण में आई रचनाओं के सभी श्रेष्ठ रचनाकारों को “कल्प विधा श्री” सम्मान से सम्मानित किया जायेगा।
✍🏻 कल्पकथा की ऑनलाइन काव्य गोष्ठियों में प्रतिभागियों को “कल्प काव्य श्री” सम्मान से सम्मानित किया जायेगा।
✍🏻 आपकी सभी रचनाएं स्वरचित एवं मौलिक होनी चाहिए। किसी भी प्रकार के कॉपीराइट इशू के लिए लेखक स्वयं जिम्मेदार होगा।
✍🏻 कल्पकथा पर किसी भी प्रकार का व्यक्तिगत, सामुहिक या राजनैतिक प्रचार-प्रसार पूर्णतः प्रतिबंधित है।
✍🏻 यदि आप कल्पकथा संदेशों से इतर कोई व्यक्तिगत, राजनैतिक या सामुहिक विज्ञापन करना चाहते हैं तो आप संस्थापक निर्देशक या संस्थापक निदेशक कोषाध्यक्ष को इसका शुल्क जमा करवा कर प्रचार-प्रसार कर सकते हैं।
✍🏻 यदि आप बिना अनुमति लिये किसी भी प्रकार का राजनैतिक, व्यक्तिगत या सामुहिक लिंक, पोस्ट या फिर कोई चित्र/चलचित्र आदि डालते हैं तो आप पर तुरंत 25000/- रुपये का जुर्माना लगाया जायेगा, जो संस्था नियमों के अनुसार अवश्य ही देय होगा।
लिखते रहिये ✍🏻 , पढते रहिये 📖 और बढ़ते रहिये।
✍🏻 कल्प आमंत्रण अध्यक्ष
कल्पकथा साहित्य संस्था
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पवनेश
✍🏻 !! “कल्पकथा त्रिदिवसीय प्रतियोगिता आमंत्रण – कल्प/जुलाई/२०२४/क” !! ✍🏻
विशिष्ट आमंत्रण क्रमांक :– कल्प/जुलाई/२०२४/क
विषय :- “!! कथा सम्राट मुन्शी प्रेमचंद !!”
विधा :- काव्य
भाषा – हिन्दी
शीर्षक – कथा सम्राट मुंशी प्रेमचंद्र
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मुंशी प्रेमचंद कथा सम्राट जीवन समर्पित साहित्य को बताते हैं।
३१ जुलाई १८८० जन्में लमही गाँव में, माटी की महिमा गाते हैं।।
धनपत राय से प्रेमचंद बनें, कलम की ताकत से सबको जीते।
गरीबी, अन्याय, शोषण, समाज का दर्द, कहानियों में सब सीते।।
बचपन में कठिनाई, पढ़ाई में बाधा, मगर सीखने की कभी न हारी इच्छा।
शिक्षक बनकर ज्ञान की जोत जगाई, लेखनी से लिख दी समाज को शिक्षा।।
किसानों के दुख-दर्द की कथा, ‘गोदान’ में दिखा उनका सत्यव्रत।
‘गबन’ में धनलालसा की मार, कथा में था उकेरा समाज का काला सच।।
‘कर्मभूमि’ में संघर्ष की गाथा, हर शब्द हृदय को चीरता।
सदियों की पीड़ा को, उजागर करती कलम की वीरता।।
नारी की व्यथा ‘निर्मला’ ने कही, जागृत लेखनी ने समाज को दिशा दी।
बाल मनोविज्ञान पर थी बातें सही, ‘ईदगाह’ में हामिद ने प्रेम की राह दिखा दी।।
हिन्दी उर्दू दोनों भाषाओं में बराबर, साहित्य सभा में उनका आदर।
उनकी रचनाएँ मानवता की चादर, हर युग में रहेंगे वो साहित्य के सागर।।
सत्य और न्याय के पक्षधर, विचारों में था जनजीवन का चित्र।आर्थिक विषमता सामाजिक कुरीति, सब पर किया प्रहार गढ़े सच्चे चरित्र।।
१९३६ में उनका हुआ देहावसान, साहित्य में अमर हो गई कांति।
मुंशी प्रेमचंद नाम महान, साहित्य की दुनिया में बन गए किंवदंती।।
उनकी कहानियाँ जीवन का चित्रण, हर किरदार में समाज को आईना।
प्रेमचंद का नाम सदियों तक जिएगा, लेखनी का जादू कभी भूल पाएं ना।।
हिन्दी के वह अक्षय धूमकेतू, उनकी रचनाएँ, कहानियां, उपन्यास।
मुंशी जी युग के प्रेरणा स्रोत, शिखर ही रहेगा उनका सृजन आकाश।।
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✍️:- सृजन प्रयास
पवनेश मिश्रा।