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शरद पूर्णिमा का चाँद

विशिष्ट आमंत्रण क्रमांक :– !! कल्प/अक्तूबर/२०२४/अ !! 📜

विषय :- !! “महारास पूर्णिमा – शरदोत्सव” !! 📚

विधा :- काव्य

विषय विशेष/शीर्षक: शरद पूर्णिमा का चाँद

निविड़ रात्रि को करके 

रोशनी से सराबोर ..

और बिखरा कर निर्मल चाँदनी,

चहुँओर ..

आसमान मे निकल आया है,

शरद पूर्णिमा का चाँद …..

 

अमृत सी सरस शीतलता,

प्रतिपल बढ़ती उज्ज्वलता,

होकर सोलह कलाओं से परिपूर्ण..

अंबर में जगमगाया है ,

शरद पूर्णिमा का चाँद….

 

मुरलीधर की अद्भुत माया,

हर गोपी ने कृष्ण को पाया,

ऐसा महारास रचाने को..

मोहन के मन भाया है,

शरद पूर्णिमा का चाँद….

 

मन की गति के परिचायक,

चंद्रमा मन शक्ति के नायक,

जो मन जीता तो सब जीता..

यही कहकर मुस्काया है, 

शरद पूर्णिमा का चाँद….

शरद पूर्णिमा का चाँद….

– स्वाति श्रीवास्तव 

भोपाल 

Swati Shrivastava

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