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⛩️ !! “कल्प प्रतियोगिता आमंत्रण : कल्प/जनवरी/२०२५/क” !! ⛩️

⛩️  !! “प्रतियोगिता आमंत्रण – कल्प/जनवरी/२०२५/क” !! ⛩️ 

 

 

📜 विशिष्ट आमंत्रण क्रमांक :– !! “कल्प/जनवरी/२०२५/क” !! 📜

 

📚  विषय :- !! “कवि गोपाल दास नीरज” !! 📚

 

 ⏰  समयावधि :- !! “दिनाँक ०३/०१/२०२५ प्रातः १०.०० बजे से ०४/०१/२०२५ मध्य रात्रि १२.०० बजे तक” !! ⏰

 

🪔 विधा :- !! “स्वैच्छिक” !! 🪔

 

 📢 भाषा :- !! “हिन्दी, संस्कृत” !! 📣

 

⚜️  विषय विशेष :-  कवि डॉक्टर गोपालदास “नीरज” जी की जन्मशती पर उनके सम्मान में आपके हृदय के भाव।। ⚜️

 

 

💎 !! “आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं” !! 💎

 

 

📢 कल्प कथा के नियम :- 📢

 

✍🏻 कल्प आमंत्रण प्रतियोगिता में रचना भेजते समय रचना में ऊपर आमंत्रण क्रमांक, विषय एव शीर्षक और नीचे लेखक/लेखिका का नाम होना आवश्यक है। उसके बिना रचनाएं सम्मिलित नहीं की जायेंगी।

 

✍🏻 कल्पकथा वेबसाइट पर रचना प्रतियोगिता श्रेणी के अंतर्गत लिखने पर प्रति प्रतियोगिता प्रमाणपत्र एवं मासिक विशेष सम्मान दिया जाएगा।

 

✍🏻 साप्ताहिक आमंत्रण में सभी प्रमाणपत्र श्रेष्ठ, उत्तम और सहभागिता रूप में तीन प्रकार के रहेंगे।

 

✍🏻 मासभर सभी आमन्त्रणों में प्रतिभाग करने पर श्रेष्ठ, किन्ही तीन में प्रतिभाग करने पर उत्तम और दो में प्रतिभाग करने पर सहभागिता प्रमाणपत्र रहेगा।

 

✍🏻 साप्ताहिक आमंत्रण में विविध विधाओं में लिखने वाले लेखकों को “कल्प कलम श्री” सम्मान से सम्मानित किया जायेगा।

 

✍🏻 दैनिक आमंत्रण में आई रचनाओं के सभी श्रेष्ठ रचनाकारों को “कल्प विधा श्री” सम्मान से सम्मानित किया जायेगा। 

 

✍🏻 कल्पकथा की ऑनलाइन काव्य गोष्ठियों में प्रतिभागियों को “कल्प काव्य श्री” सम्मान से सम्मानित किया जायेगा। 

 

✍🏻 आपकी सभी रचनाएं स्वरचित एवं मौलिक होनी चाहिए। किसी भी प्रकार के कॉपीराइट इशू के लिए लेखक स्वयं जिम्मेदार होगा।

 

✍🏻 कल्पकथा पर किसी भी प्रकार का व्यक्तिगत, सामुहिक या राजनैतिक प्रचार-प्रसार पूर्णतः प्रतिबंधित है।

 

✍🏻 यदि आप कल्पकथा संदेशों से इतर कोई व्यक्तिगत, राजनैतिक या सामुहिक विज्ञापन करना चाहते हैं तो आप संस्थापक निर्देशक या संस्थापक निदेशक कोषाध्यक्ष को इसका शुल्क जमा करवा कर प्रचार-प्रसार कर सकते हैं। 

 

✍🏻 यदि आप बिना अनुमति लिये किसी भी प्रकार का राजनैतिक, व्यक्तिगत या सामुहिक लिंक, पोस्ट या फिर कोई चित्र/चलचित्र आदि डालते हैं तो आप पर तुरंत 25000/- रुपये का जुर्माना लगाया जायेगा, जो संस्था नियमों के अनुसार अवश्य ही देय होगा। 

 

 

 

✍🏻 लिखते रहिये, 📖 पढते रहिये और 🚶 बढ़ते रहिये। 🌟

 

 

✍🏻 कल्प आमंत्रण अध्यक्ष

—: कल्पकथा प्रबंधन :—

Kalpkatha

One Reply to “⛩️ !! “कल्प प्रतियोगिता आमंत्रण : कल्प/जनवरी/२०२५/क” !! ⛩️”

  • पवनेश

    🥁🦚 “!! कल्पकथा प्रतियोगिता आमंत्रण – श्रद्धेय कवि डॉ. गोपालदास “नीरज” जन्मशती विशेष !!” 🦚🥁
    ✍🏻 !! “प्रतियोगिता आमंत्रण – कल्प/जनवरी/२०२५/क” !! ✍🏻
    📜 विशिष्ट आमंत्रण क्रमांक :– !! “कल्प/जनवरी/२०२५/क” !! 📜
    📚 विषय :- !! “गोपाल दास नीरज” !!📚

    शीर्षक:- “श्रद्धेय डॉक्टर गोपालदास “नीरज”: युग के अमर काव्य”

    पुरावली की माटी में जन्में, यश तेज इटावा के वह हैं।
    छः वसंत में बचपन पूरा, कुलदीप पुण्य पिता के वह हैं।।
    विज्ञ कायस्थ कुल की संतान, जीवन संघर्षों में भीषण रण।
    अल्प आयु में जिसने सहा, कष्टों का दावानल सा दर्पण।।
    तीन भाईयों के पालनहारे, बढ़े वह नन्हें हाथ तात बनकर।
    माँ की आँखों का केंद्र बिंदु, खुद बना अनूठी बात बनकर।।
    बुआ के आंचल में आन बसे, पर दूर कहाँ थीं माँ मन से।
    ग्यारह वर्षों का बिछोह मिला, पर जुड़ी रही नेह डोर मन से।।
    टाइपिंग की चली चटक सी धुन, यूं चली कलम की धार धार।
    शिक्षा, श्रम से ज्ञान पाया, पीती तपती धरती ज्यों जल अपार।।
    हाई स्कूल से एम.ए. तक, अर्जित की प्रथम श्रेणी की चमक,
    जीवन के पथ पर पग रक्खे, अवरोधों पर विजय की धमक।।
    शब्दों की सजग साधना से, वह काव्य दीप इस भांति जला।
    प्रेम, पीड़ा, करुणा, यथार्थ, शाश्वत सा गीतों में रंग खिला।।
    संघर्ष, विभावरी, प्राणगीत, फिर दीप जलेगा, दर्द दिया है।
    नदी किनारे, लहर पुकारे, मुक्तकी, आसावरी, वंशीवट सूना है।।
    सिनेमा की सरगम में नीरज ने, जोड़ा गीतों का सुखद जाल।
    “मेरा नाम जोकर” “तेरे मेरे सपनों” से उठा शोहरत का ख्याल।।
    “नई उमर की फसल” “प्रेम पुजारी” “शर्मिली” की सुन गाथा।
    नीरज के गीतों ने रचा “गैंबलर”, प्रतिमानों का उन्नत माथा।।
    पद्मश्री, पद्मभूषण, विश्व ऊर्दू परिषद, यश भारती से उच्च ताज।
    सम्मानों से सजी, लफ्जों से बुनी, जिनकी मखमल सी आवाज।।
    अमिट छवि साहित्य की जिसमें, जिसको रुबाइयों का ज्ञान।
    हिंदी का साधक, साधु सा, बन गया शब्दयुग का अभिमान।।
    फेफड़ों की पीड़ा ने जीवन छीना, छीना कलम का शिल्पकार,
    काव्य में बसे वो महामनुज, निज जीवन साहित्य का उपहार।।
    श्रद्धेय कवि गोपालदास नीरज, युग-युग तक अमर रहेगा नाम।
    नमन कोटि वंदन उनको, जिनका वृहद विहान अक्षय आयाम।।

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