🕉️ "!! इयं होली भवतः जीवने बहुधा रङ्गिणः ऋतुः, बहु सुखं, प्रेमपूर्णदिनानि च आनयतु। होली का शुभकामनाएं !!" 🕉️ ✍️ कल्पकथा परिवार

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⛩️ !! “कल्पकथा साप्ताहिक आमंत्रण : होली – रंगों का उत्सव” !! ⛩️ 

⛩️ !! “कल्पकथा साप्ताहिक आमंत्रण : होली – रंगों का उत्सव” !! ⛩️

 

 

📜 विशिष्ट आमंत्रण क्रमांक :– !! “कल्प/फरवरी/२०२५/ब” !! 📜

 

📚  विषय :- !! “होली – रंगों का उत्सव” !! 📚

 

 ⏰ समयावधि :- दिनाँक १०/०३/२०२५ प्रातः ०८.०० बजे से दिनाँक १४/०३/२०२५ रात्रि १०.०० बजे तक ⏰

 

🪔 विधा :- !! “काव्य” !! 🪔

 

 📢 भाषा :- !! “हिन्दी, संस्कृत” !! 📣

 

⚜️  विषय विशेष :-  रंग रंगीली होली के पावन पर्व पर आपकी कल्पना की रंग रंगीली उड़ान।। ⚜️

 

 

💎 !! “आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं” !! 💎

 

 

 

📢 कल्प कथा के नियम :- 📢

 

✍🏻 कल्प आमंत्रण प्रतियोगिता में रचना भेजते समय रचना में *ऊपर आमंत्रण क्रमांक, विषय एव शीर्षक और नीचे लेखक/लेखिका का नाम होना आवश्यक है।* उसके बिना रचनाएं सम्मिलित नहीं की जायेंगी।

 

✍🏻 सभी रचनायें लिखित रूप में ही स्वीकार्य रहेंगी। 

 

✍🏻 कल्पकथा वेबसाइट पर रचना प्रतियोगिता श्रेणी के अंतर्गत लिखने पर प्रति प्रतियोगिता प्रमाणपत्र एवं मासिक विशेष सम्मान दिया जाएगा।

 

✍🏻 साप्ताहिक आमंत्रण में सभी प्रमाणपत्र श्रेष्ठ, उत्तम और सहभागिता रूप में तीन प्रकार के रहेंगे।

 

✍🏻 मासभर सभी आमन्त्रणों में प्रतिभाग करने पर श्रेष्ठ, किन्ही तीन में प्रतिभाग करने पर उत्तम और दो में प्रतिभाग करने पर सहभागिता प्रमाणपत्र रहेगा।

 

✍🏻 साप्ताहिक आमंत्रण में विविध विधाओं में लिखने वाले लेखकों को *”कल्प कलम श्री”* सम्मान से सम्मानित किया जायेगा।

 

✍🏻 दैनिक आमंत्रण में आई रचनाओं के सभी श्रेष्ठ रचनाकारों को *”कल्प विधा श्री”* सम्मान से सम्मानित किया जायेगा। 

 

✍🏻 कल्पकथा की ऑनलाइन काव्य गोष्ठियों में प्रतिभागियों को *”कल्प काव्य श्री”* सम्मान से सम्मानित किया जायेगा। 

 

✍🏻 आपकी सभी रचनाएं स्वरचित एवं मौलिक होनी चाहिए। किसी भी प्रकार के कॉपीराइट इशू के लिए लेखक स्वयं जिम्मेदार होगा।

 

✍🏻 कल्पकथा पर किसी भी प्रकार का व्यक्तिगत, सामुहिक या राजनैतिक प्रचार-प्रसार पूर्णतः प्रतिबंधित है।

 

✍🏻 यदि आप कल्पकथा संदेशों से इतर कोई व्यक्तिगत, राजनैतिक या सामुहिक विज्ञापन करना चाहते हैं तो आप संस्थापक निर्देशक या संस्थापक निदेशक कोषाध्यक्ष को इसका शुल्क जमा करवा कर प्रचार-प्रसार कर सकते हैं। 

 

✍🏻 यदि आप बिना अनुमति लिये किसी भी प्रकार का राजनैतिक, व्यक्तिगत या सामुहिक लिंक, पोस्ट या फिर कोई चित्र/चलचित्र आदि डालते हैं तो आप पर तुरंत 25000/- रुपये का जुर्माना लगाया जायेगा, जो संस्था नियमों के अनुसार अवश्य ही देय होगा। 

 

 

✍🏻 लिखते रहिये, 📖 पढते रहिये और 🚶 बढ़ते रहिये। 🌟

 

✍🏻 कल्प आमंत्रण अध्यक्ष

—: कल्पकथा प्रबंधन :—

Kalpkatha

One Reply to “⛩️ !! “कल्पकथा साप्ताहिक आमंत्रण : होली – रंगों का उत्सव” !! ⛩️ ”

  • Suryendu Mishra

    विशिष्ट आमंत्रण क्रमांक-कल्प/मार्च/2025/ब
    विषय होली, रंगों का त्यौहार
    शीर्षक -फिर फागुन आया है

    जब बहने लगी हो बसंती बयार
    तो समझो फिर फागुन आया है…

    जब डाली अमवा की बौराई जाए
    तो समझो फिर फागुन आया है….

    जब कोयलिया पंचम राग सुनाए
    तो समझो फिर फागुन आया है…

    जब खेतों में सरसों-तीसी मुस्काए
    तो समझो फिर फागुन आया है….

    जब खेतों में बाली गेहूं की गदराए
    तो समझो फिर फागुन आया है….

    जब सेमर लाल लाल हुआ जाए
    तो समझो फिर फागुन आया है….

    जब भुजंग खुद केचुल रहे छुड़ाए
    तो समझो फिर फागुन आया है….

    जब घर माखी-मच्छर भिनभिनाये
    तो समझो फिर फागुन आया है….

    जब गालों पर रंग गुलाबी चढ़ जाये
    तो समझो फिर फागुन आया है…..

    जब चुभने लगे हिया में शूल कहीं
    तो समझो फिर फागुन आया है…..

    जब चकोर चंदा देख देख ललचाए
    तो समझो फिर फागुन आया है….

    जब प्रेमी को हो प्रिया की तलाश
    तो समझो फिर फागुन आया है…

    जब कहीं आग लगाता हो पलाश
    तो समझो फिर फागुन आया है….

    जब खिलने लगे जंगल फूल कहीं
    तो समझो फिर फागुन आया है…..

    स्वरचित
    सूर्येन्दु मिश्र ‘सूर्य’
    लार टाऊन, देवरिया (यूपी)

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