“वन्दे मातरम”
- Mahendra Singh
- 05/09/2025
- काव्य
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हम सब हैं भारतवासी
भारतवर्ष हमारा !
जननी जन्मभूमि अपनी
प्राणों से भी प्यारा !!
मान नहीं हम जाने देंगे
दे देंगे हम जान!
जीते जी हम सह न सकेंगे
भारत का अपमान!!
मना रहे आजाद हिंद का
अमृत उत्सव प्यारा !
उन्यासिवें वर्ष में पहुंचा
अपना अमर सितारा !!
आतंकी विस्तार वादियों
को हैं धूल चटाए !
देशद्रोहियों को ना छोड़े
हैं यमलोक पठाए!!
व्यूह भेद कर रण रंगी हैं
चक्रव्यूह को तोड़े!
अंतिम सांसों तक उनके
आका को भी ना छोड़े!!
अलख जगाना विश्व शांति का
है संकल्प हमारा !
विश्व गुरु बन भारत छाए
ये ही मन्तव्य हमारा!!
रामराज्य का मूर्त रूप
देखेगी दुनियां सारी!
यौवन प्रतिभा और पराक्रम
की है धूरी हमारी !!
‘जिज्ञासु’ जन की सदिच्छा
अमर तिरंगा न्यारा !
जननी जन्मभूमि अपनी
प्राणों से प्यारा !!
✍️ *सृजनकार:- कमलेश विष्णु सिंह”जिज्ञासु”*
*(M) 9140 896333*
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