शिक्षक ( विशिष्ट आमंत्रण क्रमांक – कल्प/अगस्त/२०२५/अ)
- Milan Upadhyay
- 05/09/2025
- काव्य
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इस मन और मानव- जीवन को दे आकार वो शिक्षक है
जीवन कच्ची मिट्टी सा है शिल्पकार वो शिक्षक है
जिनके ज्ञान की एक बूंद से लाखों जीवन तृप्त हुए
अविरल निष्कंटक बहता है ज्ञान का सागर शिक्षक है ।
– मिलनसार कवि (मिलन उपाध्याय)
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