
“हिन्दी हैं हम”
- पवनेश
- 19/09/2025
- काव्य
- हिन्दी कविता
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- भारत की भाषा है हिन्दी, गौरव है सम्मान है।
- गर्व से बोलो हिन्दी हैं हम, हिन्दी पर अभिमान है।।
- नियमों का अनुशासन है, अक्षर का विज्ञान है,
- प्रत्ययों और विभक्ति की लय, शुद्धि का प्रमाण है।
- ध्वनि-विन्यास से सजती है, अनुपम छवि निराली है,
- अलंकारों का आभूषण, और व्याकरण का विधान है।।
- ज्ञान भाव अरु तर्क की जननी, हिन्दी से उत्थान है।
- भारत की भाषा है हिन्दी, गौरव है सम्मान है।
- गर्व से बोलो हिन्दी हैं हम, हिन्दी पर अभिमान है।।
- स्वरों की पहचान शुद्ध है, वैज्ञानिक अवधान है,
- व्यंजनों का अनुशासन है, तर्कों का निदान है।
- वर्णों के विन्यास से झलके, गूढ़ गणित के रत्नों सी,
- ध्वनि-सिद्धांत रचते हैं स्वर, रस गुण लय की खान है।।
- जीवन का सौंदर्य दीप, स्पंदन हैं संधान है।
- भारत की भाषा है हिन्दी, गौरव है सम्मान है।
- गर्व से बोलो हिन्दी हैं हम, हिन्दी पर अभिमान है।।
- सहज प्रवाहों में बहती हैं, कल कल निर्झर सी झरती है,
- बाल – वृद्ध, से मंद तीव्र तक, गरिमा तेज भी भरती है।
- मन को छूती मनहर वाणी, मधुरस सी रसधार है,
- शाश्वत सुरभित वाक्य सौष्ठव शोभा नेह सी तरती है।।
- भाषा सरस सरल जीवन की, अमृत अनुपम गान है।
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भारत की भाषा है हिन्दी, गौरव है सम्मान है।गर्व से बोलो हिन्दी हैं हम, हिन्दी पर अभिमान है।।
- रामायण की वाणी है यह, गीता वेद पुराण है,
- मीरा तुलसी और सूर की धर्म नीति पहचान है।
- सद्भाव समभाव चेतना, डोर हार में मनकों की,
- पुष्पित पोषित और पल्लवित गंध सुगंध सुजान है।।
- मात भारती की आत्मा है, आशीष है वरदान है।
- भारत की भाषा है हिन्दी, गौरव है सम्मान है।
- गर्व से बोलो हिन्दी हैं हम, हिन्दी पर अभिमान है।।
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