नारी – विशिष्ट आमंत्रण क्रमांक :– !! “कल्प/सितंबर/२०२५/स” !!
- Milan Upadhyay
- 15/09/2025
- काव्य
- काव्य, नारी, नारी जीवन
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नारी सृजन की शक्ति है नारी ही सृजन करती है तेरी,मेरी, सबकी दुनिया नारी से ही तो बनती है नारी के रुप अनेकों हैं वो जननी, तो कभी भगिनी है नारी सुख-दुख की साथी है वो कभी तो जीवन-संगी है वो कभी तो पुत्रवधू बनकर परिवार का पोषण करती है वो नारी ही कल्याणी …
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