कार्तिक मास में नदियों का महत्व
- Neha Sharma
- 2024-11-07
- लेख
- भक्ति धार्मिक आध्यात्मिक
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सनातन धर्म में कार्तिक मास ही अपने आप में बहुत महत्व रखता है। बहुत ही पुण्य व फलदायी मास माना जाता है। कहा जाता है भगवान श्री विष्णु चार मास शयन के पश्चात इसी मास में योगनिद्रा से जागते हैं। वे आषाढ़ शुक्ल एकादशी को क्षीर सागर में शयन करने जाते हैं और कार्तिक शुक्ल एकादशी को जागते हैं। उनके शयन के बाद कोई भी मांगलिक कार्य नहीं होता है। कार्तिक शुक्ल एकादशी के बाद ही हर शुभ काम होते हैं।
कार्तिक मास नदियों में स्नान कर भगवान विष्णु और मां तुलसी की पूजा का विधान है। ब्रह्म मुहूर्त में उठकर पवित्र नदियों में स्नान करना पुण्य फल देता है। कार्तिक पूर्णिमा को स्नान दान की पूर्णिमा भी कहा जाता है और इस दिन पवित्र नदी में स्नान करना ही अमोघ फल देता है। ये पूरा मास ही त्यौहारों से भरा होता है।
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