⛩️ !! “कल्प साप्ताहिक आमंत्रण : होली – रंगों का उत्सव” !! ⛩️
घटना सबकी जानी सुनी है, किस से छुपा छुपाया।
धू धू कर जल उठी होलिका, हँसता प्रह्लाद घर आया।
सुनो सखा शिक्षा देती ये सुमधुर भक्त कहानी।
हरि प्रिय का जो अहित किया तो निज काल बुलाया।।
Continue Reading
🌷!! “सागर मंथन” !! 🌷
श्री धन अद्भुत पा सरित्पति बढ़ रहा मान गुमान
चौदह रत्न निकाल मेट्या प्रभु रत्नाकर का मान
सागर मन्थन किया सागर मन्थन…. (2)
Continue Reading
!! “बीतते क्षण : एक आत्मकथा (जाते हुए लम्हे)”.!!
“हाँ भई! मैंने भी हँसते गाते ही प्रवेश किया था इस संसार में। ऐसे लग रहा है मानो कल की ही बात हो जब मैं यहाँ आया था। सारा विश्व मुझे देख का आह्लादित था। मैं भी हर्षित था। प्रफुल्लित था।”
Continue Reading
🦚 !! “किसान और खेत” !! 🦚
“अरे हद है….! कभी इधर से तो कभी उधर से, आज पूरे खेत को ही रौंद कर रहेगी?” – लाठी लेकर गाय को बरजते हुए किसान की आवाज ने खेत को यथार्थ में ला पटका।
Continue Reading
!! “साप्ताहिक आमंत्रण : कल्प/नवम्बर/2024/द” !!
ऐसे में सूर्यकांत त्रिपाठी “निराला” जी, सुभद्राकुमारी चौहान जी, नागार्जुन जी, को कैसे बिसरा सकते हैं? वहीं जब नरोत्तम दास जी के सुदामा चरित्र को पढते सुनते हैं तो मन दरिद्रता की व्यथा से झुलसा हुआ प्रतीत होता है, जिस पर कृष्ण की कृपा की अमृत वर्षा होती है और दरिद्रता सहज ही भाग खडी होती है। समृद्धि, सुख और ऐश्वर्य के भंडार भर जाते हैं।
Continue Reading
🌷 !! “प्रेम योग —१६” !! 🌷
तीनों ही परिवारों में भागमभाग लगी हुई है। कुमुद और आदित्य के परिवारों को शाम 4 बजे तक दिवाकर जी के घर पहुँचना है। और उमा के घर में दोनों के स्वागत सत्कार की तैयारी चल रही है।
Continue Reading
!! “कल्प सम्वाद कुंज : गाँवों का नगरीकरण : विकास या विनाश”.!!
अभी कुछ दिन पहले हम एक कहानी पढ रहे थे। कहानी में गाँव का परिप्रेक्ष्य था। पढते-पढते सोचने लगे कि आजकल गाँव, गाँव जैसे कहाँ रह गये हैं। गाँवों का तो कब का शहरीकरण हो गया।
Continue Reading
🌷 !! “प्रेम योग — १५.” !! 🌷
“क्यों, हर बात इसे ही क्यों समझनी है, हम क्यों नहीं समझ सकते? तू क्यों नहीं समझ सकता? ये तुझे ब्याह कर लाई है या तू इसे ब्याह कर लाया है?”
Continue Reading
🌷 !! “प्रेम योग – १४” !! 🌷
“समधी जी, हमें कर्ज की नहीं, हमारे घर के लिए गृहलक्ष्मी चाहिए, जो अपने प्यार और अपनेपन से इस घर को स्वर्ग बना दे। और वैसे भी गिरिराज महाराज की कृपा से सब कुछ है हमारे पास। रही सही कसर आपने अपनी बिटिया रत्न देकर पहले ही पूरी कर दी और हमारे इस घर में चार चांद लगा दिए।”
Continue Reading
🌷 !! “प्रेम योग – १३” !! 🌷
शेखर जल्दी से अपनी गाडी से एक पैकेट निकाल कर ले आया। तब तक उमा ने अतुल को शेखर के लिए धोती कुर्ता निकाल कर दे दिया।
Continue Reading