🌷 !! “प्रेम योग – १०” !! 🌷
सुमित – अंकल हम कोशिश करेंगे लेकिन पक्का नहीं कह सकते क्योंकि इसकी (कार्तिक) भी शादी की तारीख तय होने वाली है और मेरे बडे भाई की शादी की तारीख भी आजकल में पक्की हो जाएगी तो…… थोडी मुश्किल होगी…… लेकिन फिर भी हम कोशिश जरूर करेंगे।
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🌷 !! “प्रेम योग – ९” !! 🌷
जैसे ही शेखर और कार्तिक उठते हैं, सुमित बहुत जोर से चीखता है – याद आ गया…. याद आ गया………………
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🌷 !! “प्रेम योग – ८” !! 🌷
जैसे ही शेखर और कार्तिक उठते हैं, सुमित बहुत जोर से चीखता है – याद आ गया…. याद आ गया………………
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🌷 !! “प्रेम योग – ७” !! 🌷
जैसे ही उमा पानी पीकर जल्दी से भागी, तो साइड से आ रहे किसी से टकरा कर गिरने लगती है, लेकिन उसने उसे तुरंत पकड़ लिया। एक बार फिर दोनों एक दूसरे की आँखों में गये,
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🌎 !! “वीर धरा” !! 🌍
वीर धरा ये अति सुहावनी पुण्य प्रदायिनी माता।
गर्भ में जिसके पलते सृष्टि भाग्य विधाता।।
✍🏻 राधा श्री
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🌏 !! “सौन्दर्य की देवी वर्षा ऋतु” !! 🌍
तभी कानों में जलतरंग बजाती, हृदयों पर काम बाण चलाती, पायल की छनछनाती मधुर ध्वनि पडी….. टप…. टप…. टप… टप। मानों मनमोहिनी सोलह श्रृंगार किये, नव यौवन लिये सबको अपने मोहपाश में बाँधने, गर्मी से झुलसी एवं कृशकाय हुई धरती को नयी नवेली दुल्हन सी सजाने चली आ रही हैं।
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!! “अनिरुद्ध : दिव्य योद्धा” !!
ये कहानी एक ऐसे बालक की है, जो जन्म से ही कई दिव्य शक्तियों के साथ पैदा हुआ है। ये कहानी हम बालको को ध्यान में रखते हुए लिख रहे हैं। इसमें हमने अपनी कल्पनाओं का आकाश सजाया है। जिसका किसी भी प्रकार से इस जीवित संसार से कोई सम्बंध नहीं है। हमसे हुई त्रुटियों के लिए हम अग्रिम क्षमाप्रार्थी हैं।
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🤝 !! “साक्षात्कार” !! 🌷
प्रिय पाठकों, आपके लिए हमारा संदेश नहीं बल्कि कर बद्ध प्रार्थना है। देखिए, दिमाग और मन आपका अपना है। अतः उसमें कचरा मत भरिये। कुछ ऐसा पढ़िये जो आपके विचारों को शुद्धता, मन को शीतलता, दिमाग में शान्ति और प्राणों को सकारात्मक ऊर्जा से भर दे।
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!! “सुरीली मनसा” !!
हम उन वीणावादिनी, संगीत की देवी, सुरों की अधिष्ठात्री माँ शारदा के चरणों में बारंबार वन्दना करते हैं। जय माँ शारदे, जय माँ वीणापाणि।
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🌴 !! “पर्यावरण व परोपकार” !! 🌴
धरती का श्रृंगार है विटप और वन फूल।
शीतल जल सुरभित पवन होते फिर भरपूर।।
जीवन का आधार हैं नीर समीर व भोग।
वृक्ष धरा को सींचते, हरते ताप दुरोग।।
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