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कन्या अपनी अपनी

शीर्षक : कन्या अपनी अपनी  आज नवरात्रा का समापन दिवस नवमी है और सावित्री देवी के घर में कन्या पूजन और भोज का आयोजन किया जा रहा है। पड़ोस की ही नौ दस कन्याओं को बुलाकर उनका चरण प्रक्षालन, तिलक वंदन , आरती इत्यादि क्रियाओं को संपादित किया जा रहा है । सावित्री जी की बहु बहुत ही श्रद्धा आस्था …

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श्राद्ध : श्रद्धा या प्रायश्चित

शीर्षक – श्राद्ध : श्रद्धा या प्रायश्चित श्रद्धा है तो श्राद्ध है । वर्तमान आधुनिक और भौतिकवाद युग में रीतिरिवाज़ों और परंपराओं को तर्क और तथ्यों के बहुआयामी स्तरों से होकर सत्य को स्थापित करना होता है । आध्यात्मिक और वैज्ञानिक आधार के साथ ही मानवीय मूल्यों के बीच संतुलन बनाए रखना ही हमे उचित मार्गदर्शन प्रदान कर सकता है। …

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शिक्षक : समाज की नींव

📜 *विशिष्ट आमंत्रण क्रमांक :– !! “कल्प/सितंबर/२०२५/अ” !!* 📜 📚 *विषय :- !! “शिक्षक” !!* 📚 🪔 *विधा :- !! “स्वैच्छिक” !!* 🪔 गुरू ब्रह्मा गुरू विष्णु, गुरु देवो महेश्वरा । गुरु साक्षात परब्रह्म, तस्मै श्री गुरुवे नम: ।। श्रृष्टि के निर्माण से ही यह अकाट्य सत्य स्थापित है कि बिना गुरु या शिक्षक के आदर्श समाज की स्थापना, संचालन …

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मातरम्

*शिवालयों से शंखनाद हुआ है गुरुवाणी गुरुद्वारे से ।**कानों ने अजान सुनी फिर गूंज उठा हर चौबारे से ।।**मातरम्, मातरम्, वंदे मातरम्, वंदे मातरम् ।।* तोड़ पुरानी जंजीरों को आज नया इतिहास लिखें,गर्म लहू की धाराओं से राष्ट्रभूमि का श्रृंगार करें ।मिट्टी से उपजे मिट्टी को ही बलिहार करें,देश की खातिर मिट जाने का कर ले तू आचरण ।। *मातरम् …

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रक्षा बंधन

बहन करे भाई का अभिनंदनभाई हो जब नतमस्तक वंदनरिश्तों की बगिया में प्रेमपुष्प खिल जातेकसमें वादे रक्षा प्रेम के रक्षाबंधन कहलाते बहना ने आशाओं में भाई के सपने गढ़े हैंबहना की रक्षा खातिर भाई हर मुश्किल से लड़े हैबहन मां और भाई कभी बाप बन जातेकसमें वादे रक्षा प्रेम के रक्षाबंधन कहलाते ऋतु चार महीने बारह बहना को रहता इंतजारखर्चे …

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