एक व्रक्ष तुम लगाओं
एक व्रक्ष तुम लगाओं और एक मैं लगता हूँ बरगद तुम लगाओ तो पीपल मैं लगता हूँ एक एक कर जब व्रक्ष लगेंगे जंगल एक बन जाएगा पर्यावरण प्रदूषित जो है वह अंगे शुद्ध हो जाएगा प्रण करलो व्रक्ष लगाने का तुम मैं भी प्रण दोहराता हूँ पहल करो तुम जल,भूमि, और वायु दूषित न होने पाए साथ समाज …
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खुद को इतना सजाय हुआ है
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NEERAJ MISHRA
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18/05/2024
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गीत
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विरह गीत
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विरह गीत श्याम सुंदर मेरे.. मैंने तेरे लिए खुद को इतना .. सजाय हुआ है ये काजल ,ये चूड़ी , ये गजरा मैने मैहदी लगाया हुआ है .. श्याम सुंदर मेरे.. मैंने तेरे लिए मेरी साँसों मे तू , मेरी धड़कन मे तू मेरी बहती आस्को की बूंदों मे तू मैंने आँखों को समुंदर बनाया हुआ है श्याम सुंदर मेरे.. …
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पुराने लम्हों में सिमटी जिंदगी मेरी
अर्ज किया है :- की याद नहीं मुझको , तेरी बेबफई का वो वक्त | जिस वक्त तूने मुझे, बर्बाद करने में कोई कसर न छोड़ी | पुराने लम्हों में सिमटी जिंदगी मेरी नया कुछ अब याद नहीं रहता || बदलते वक्त के साथ मैं नहीं बदला इश्क की तड़फ में खुद को जला डाला बदल गए जो …
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बारम्बार प्रणाम तुम्हें
यह काव्य रचना स्वरचित है जो की आज की प्रतियोगिता हेतु प्रस्तुत है |
विषय : माता जानकी
दिनांक 13/05/2024
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