खुद को इतना सजाय हुआ है
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NEERAJ MISHRA
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2024-05-18
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गीत
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विरह गीत
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विरह गीत श्याम सुंदर मेरे.. मैंने तेरे लिए खुद को इतना .. सजाय हुआ है ये काजल ,ये चूड़ी , ये गजरा मैने मैहदी लगाया हुआ है .. श्याम सुंदर मेरे.. मैंने तेरे लिए मेरी साँसों मे तू , मेरी धड़कन मे तू मेरी बहती आस्को की बूंदों मे तू मैंने आँखों को समुंदर बनाया हुआ है श्याम सुंदर मेरे.. …
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बारम्बार प्रणाम तुम्हें
यह काव्य रचना स्वरचित है जो की आज की प्रतियोगिता हेतु प्रस्तुत है |
विषय : माता जानकी
दिनांक 13/05/2024
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!! एक दीप ऐसा !!
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Radha Shri Sharma
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2024-01-11
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गीत
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गीत
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एक दीप जलाऊँ ऐसा, जग तिमिर नाश जो कर दे, तमस मिटा अज्ञान की मन ज्ञान प्रकाश जो भर दे।। एक दीप जलाऊँ ऐसा…. आशाओं का खोज सवेरा, खुशियों का दिवस दिखाऊँ। निर्धनता की मिटा लकीरें, साधन समृद्धि फैलाऊँ। दुख की निशा की मिटा कर मन में सुख दिवाकर जो भर दे। एक दीप जलाऊँ ऐसा …… नव …
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