एकाकी जीवन
- Deepak Kumar Vasishtha
- 2024-06-02
- काव्य
- उद्देश्य, कविता, जीवन क्या है, मुक्ति, मोक्ष
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अकेले जीना क्या होता है ? एक बार, जो जी लिया , तो फिर इस माया से भरी दुनियां और लालच से जुड़े रिश्तों में , आसान हो जाता है कहीं, अपने आप को ढूंढना , और जान लेना स्वयं के अस्तित्व का होना । पहले पहल अकेलापन काटने को दौड़ता, दूर तक भगाता, बेचैन सोने नही देता । …
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