साथी आगे बढ़ते जाना
- Swati Shrivastava
- 2024-09-24
- काव्य
- कविता
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साहस और आत्मविश्वास के बल पर हर विपत्ति को पार किया जा सकता है।
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साहस और आत्मविश्वास के बल पर हर विपत्ति को पार किया जा सकता है।
Continue Readingकथा सम्राट मुंशी प्रेमचंद्र
Continue Readingसौंधी माटी
Continue Readingअकेले जीना क्या होता है ? एक बार, जो जी लिया , तो फिर इस माया से भरी दुनियां और लालच से जुड़े रिश्तों में , आसान हो जाता है कहीं, अपने आप को ढूंढना , और जान लेना स्वयं के अस्तित्व का होना । पहले पहल अकेलापन काटने को दौड़ता, दूर तक भगाता, बेचैन सोने नही देता । …
Continue Readingमांडवी और भरत ब्रह्मांड के उन सर्वश्रेष्ठ दंपतियों में से है जिनके दांपत्य और निर्णय दोनों पर प्रश्न चिन्ह कभी नहीं लगा।
Continue Readingशीर्षक: प्रतीक । चर्चा का विषय रहा है,औरत का विधवा होना,टूटना चूड़ियों का, मांग का सुना होना ।कहते है…पुरुष ने क्या पुण्य किया,विधुर होने पर भी , पत्नी को क्या दिया ? घड़ी, ऐनक या हुक्का, कोई प्रतीकतो पुरुष के लिए होते,तोड़कर जिन्हें..विधुर होने का प्रमाण देते ।पर टूट गया जिसका जग सारा, और छूट गया गृहस्थी का सहारा ,जिसके …
Continue Readingशीर्षक: खानाबदोश ( बंजारे ) खाने का ना होश है,जिंदगी खानाबदोश है ।चिथड़ों से ढकते है लाज को,चुप रहकर कहते है अपनी बात को । टुकड़ों पर पलते है बच्चे,चलते है, रास्ते तो है, मगर कच्चे ।अजब जिंदगी का ये मोड़ है,इसे चलाता तो कोई और है । कारवां गमों से रहा है भर,खाली हाथ मुझे रहा है कर ।आज …
Continue Readingशीर्षक: यहां कौन तेरा है ? हम आएं है किस जहां से,किस जहां में हमारा गमन होगा।किन रिश्तों को छोड़ आए पीछे,किन नातों का आगमन होगा। जीवन के रहते रिश्ते-नाते निभाते ,मृत्यु उपरांत किसी नए सफर को निकल जाते ।किस जन्म में कौन था अपना, कौन पराया, भूल चुके है अब सारे वादे, सारे रिश्ते-नाते । सफ़र जीवन-मरण के हर …
Continue Readingपौने का होना ( पूरे से कुछ कम ) जीवन में जो कुछ मिला,पौना ही रह गया,दी सांस अगर , जीना था, सौ वर्ष मगर,पौना ही रह गया, सोचा था खेलेंगे मन भर,मां ने जो लगाई आवाज़खेल अधूरा ही रह गया,पढ़ पढ़ कर काटी रात सभीआया निष्कर्ष तोपौना ही रह गया, पाया तो रिश्तों में कुछ न ,लोगों को खोना …
Continue Readingशीर्षक: मंत्र (कविता) ——————————– चयन करना कितना मुश्किल है, जब सामने वाला हो अपना, और चुनना है उनमें से जो दिए गए हो विकल्प उनके द्वारा, पहले मन सोचता है , अपना मत रखूँ , फिर मन कहता है पहले देखूं , उनके दिल में है क्या ? कही मेरे एक के चुनने पर, उसे अच्छा न लगे, और अगर …
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