🌷 !! “प्रेम योग – ११.” !! 🌷
दिवाकर जी – आज एक बडा काम तो निबट गया। पर अतुल बेटा, बुधवार सुबह तक तुम पलवल पहुंच जाना। उस दिन अमावस्या है और उसी दिन सुबह तुम्हें दान करना होगा, तुम्हारे परिवार के निमित्त।
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🌷 !! “प्रेम योग – १०” !! 🌷
सुमित – अंकल हम कोशिश करेंगे लेकिन पक्का नहीं कह सकते क्योंकि इसकी (कार्तिक) भी शादी की तारीख तय होने वाली है और मेरे बडे भाई की शादी की तारीख भी आजकल में पक्की हो जाएगी तो…… थोडी मुश्किल होगी…… लेकिन फिर भी हम कोशिश जरूर करेंगे।
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🌷 !! “प्रेम योग – ९” !! 🌷
जैसे ही शेखर और कार्तिक उठते हैं, सुमित बहुत जोर से चीखता है – याद आ गया…. याद आ गया………………
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🌷 !! “प्रेम योग – ८” !! 🌷
जैसे ही शेखर और कार्तिक उठते हैं, सुमित बहुत जोर से चीखता है – याद आ गया…. याद आ गया………………
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🌷 !! “प्रेम योग – ७” !! 🌷
जैसे ही उमा पानी पीकर जल्दी से भागी, तो साइड से आ रहे किसी से टकरा कर गिरने लगती है, लेकिन उसने उसे तुरंत पकड़ लिया। एक बार फिर दोनों एक दूसरे की आँखों में गये,
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🌷 !! “प्रेम योग” !! 🌷
ये द्वापर युग की बात है, इस स्थान का नाम पल्लव नगर था, यहाँ प्रलम्ब नाम के असुर ने यहां के राजा को मारकर अपना आधिपत्य कर लिया। यहाँ से थोड़ी आगे बृज भूमि का कुछ हिस्सा है।
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🌷 !! “प्रेम योग” !! 🌷
धीरे-धीरे उमा कॉलेज में रमणे लगती है। लेकिन साथ ही साथ सरकारी नौकरी के लिए भी आवेदन भरती रहती है। उसके साथ साथ कुमुद भी आवेदन भरती रहती थी। उसे यहां काम करते हुए लगभग नौ महीने बीत गए।
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🌷 !! “प्रेम योग” !! 🌷
रामचरितमानस का पढने बैठ गए। आज का पाठ उमा की माँ भारती पढ रही थी। सीता स्वयंवर का किस्सा चल रहा था। राम जी महर्षि विश्वामित्र के साथ सीता जी का स्वयंवर देखने के लिए जनकपुर आते हैं। गुरु विश्वामित्र की आज्ञा लेकर दोनों भाई नगर देखने जाते हैं।
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