मृत्यु दंड
- चंद्रेश कुमार छतलानी
- 21/10/2025
- लघुकथा
- कृष्ण, लघुकथा
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हज़ारों वर्षों की नारकीय यातनाएं भोगने के बाद भीष्म और द्रोणाचार्य को मुक्ति मिली। दोनों कराहते हुए नर्क के दरवाज़े से बाहर आये ही थे कि सामने कृष्ण को खड़ा देख चौंक उठे, भीष्म ने पूछा, “कन्हैया! पुत्र, तुम यहाँ?”कृष्ण ने मुस्कुरा कर दोनों के पैर छुए और कहा, “पितामह-गुरुवर आप दोनों को लेने आया हूँ, आप दोनों के पाप …
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