यहां कौन तेरा है?
- Deepak Kumar Vasishtha
- 2024-04-11
- काव्य
- कविता, जन्म मरण, मृत्यु, मोक्ष, यहां कौन तेरा है
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शीर्षक: यहां कौन तेरा है ? हम आएं है किस जहां से,किस जहां में हमारा गमन होगा।किन रिश्तों को छोड़ आए पीछे,किन नातों का आगमन होगा। जीवन के रहते रिश्ते-नाते निभाते ,मृत्यु उपरांत किसी नए सफर को निकल जाते ।किस जन्म में कौन था अपना, कौन पराया, भूल चुके है अब सारे वादे, सारे रिश्ते-नाते । सफ़र जीवन-मरण के हर …
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