संशोधन के साथ श्री गणेश जी आरती
प्रकाशनार्थ : संशोधन के साथ श्री गणेश जी आरती
जय गणेश जय गणेश, श्री गणेश देवा।
माता आपकी पार्वती, पिता महादेवा॥
एक दन्त दयावन्त, चार भुजा धारी।
माथे पर सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी॥
जय गणेश जय गणेश, श्री गणेश देवा।
माता आपकी पार्वती, पिता महादेवा॥
पान चढ़े, फल चढ़े, और चढ़े मेवा।
लड्डुअन का भोग लगे, सन्त करे सेवा॥
जय गणेश जय गणेश, श्री गणेश देवा।
माता आपकी पार्वती, पिता महादेवा॥
अन्धन को ऑंख देत, कोढ़िन को काया।
बांझन का गोद भरो, निर्धन को दो माया॥
जय गणेश जय गणेश, श्री गणेश देवा।
माता आपकी पार्वती, पिता महादेवा॥
‘सूर’ श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा।
माता आपकी पार्वती, पिता महादेवा॥
जय गणेश जय गणेश, श्री गणेश देवा।
माता आपकी पार्वती, पिता महादेवा॥
दीनन की लाज राखो, शम्भु सुतकारी।
कामना को पूर्ण करो, जाऊॅं बलिहारी॥
जय गणेश जय गणेश, श्री गणेश देवा।
माता आपकी पार्वती, पिता महादेवा॥
भगवान गणेश की जय,
पार्वती के लल्ला की जय
बोलो सब सन्तन की जय
गोवर्द्धन दास बिन्नाणी ‘राजा बाबू’
जय नारायण व्यास काॅलोनी
बीकानेर
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