Dark

Auto

Light

Dark

Auto

Light

WhatsApp Image 2024-03-10 at 21.19.35

“साप्ताहिक प्रतियोगिता “

“साप्ताहिक प्रतियोगिता, कल्पकथा” !! ✍🏻

विषय :- “!! भारत की फसलें (श्री अन्न) !!”
समयावधि :- दिनाँक ११/०३/२०२४ से १५/०३/२०२४ रात्रि दस बजे तक
विधा :- कहानी, लेख
भाषा – हिन्दी, संस्कृत

विशेष :- भारत में उत्पन्न सभी प्रकार के अन्न जैसे गेंहूँ, जौ, बाजरा, मक्का, ज्वार, चना आदि

प्रतिभागियों की सूची –

1.
2.
3.
4.
5.

आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं

प्रमाणपत्र वितरण :- माह के अंतिम सप्ताह में

कल्प कथा के नियम :-
✍🏻 कल्पकथा वेबसाइट पर रचना प्रतियोगिता श्रेणी के अंतर्गत लिखने पर प्रति प्रतियोगिता प्रमाणपत्र एवं मासिक विशेष सम्मान दिया जाएगा।
✍🏻 साप्ताहिक आमंत्रण में सभी प्रमाणपत्र श्रेष्ठ, उत्तम और सहभागिता रूप में तीन प्रकार के रहेंगे।

✍🏻 मासभर सभी आमन्त्रणों में प्रतिभाग करने पर श्रेष्ठ, किन्ही तीन में प्रतिभाग करने पर उत्तम और दो में प्रतिभाग करने पर सहभागिता प्रमाणपत्र रहेगा।

✍🏻 साप्ताहिक आमंत्रण में विविध विधाओं में लिखने वाले लेखकों को “कल्प कलम श्री” सम्मान से सम्मानित किया जायेगा।

✍🏻 दैनिक आमंत्रण में आई रचनाओं के सभी श्रेष्ठ रचनाकारों को “कल्प विधा श्री” सम्मान से सम्मानित किया जायेगा।

✍🏻 कल्पकथा की ऑनलाइन काव्य गोष्ठियों में प्रतिभागियों को “कल्प काव्य श्री” सम्मान से सम्मानित किया जायेगा।

✍🏻 आपकी सभी रचनाएं स्वरचित एवं मौलिक होनी चाहिए। किसी भी प्रकार के कॉपीराइट इशू के लिए लेखक स्वयं जिम्मेदार होगा।

✍🏻 कल्पकथा पर किसी भी प्रकार का व्यक्तिगत, सामुहिक या राजनैतिक प्रचार-प्रसार पूर्णतः प्रतिबंधित है।

✍🏻 यदि आप कल्पकथा संदेशों से इतर कोई व्यक्तिगत, राजनैतिक या सामुहिक विज्ञापन करना चाहते हैं तो आप संस्थापक निर्देशक या संस्थापक निदेशक कोषाध्यक्ष को इसका शुल्क जमा करवा कर प्रचार-प्रसार कर सकते हैं।

✍🏻 यदि आप बिना अनुमति लिये किसी भी प्रकार का राजनैतिक, व्यक्तिगत या सामुहिक लिंक, पोस्ट या फिर कोई चित्र/चलचित्र आदि डालते हैं तो आप पर तुरंत 25000/- रुपये का जुर्माना लगाया जायेगा, जो संस्था नियमों के अनुसार अवश्य ही देय होगा।

✍🏻 आप सभी से विशेष अनुरोध है कि रचना भेजते समय रचना में ऊपर शीर्षक और नीचे लेखक/लेखिका का नाम होना चाहिए। उसके बिना रचनाएं सम्मिलित नहीं की जायेंगी।

लिखते रहिये ✍🏻 , पढते रहिये 📖 और बढ़ते रहिये।

सादर 🙏🏻 🌷 🙏🏻
✍🏻 कल्प आमंत्रण अध्यक्ष
कल्पकथा साहित्य संस्था

Kalpkatha

2 Comments to ““साप्ताहिक प्रतियोगिता “”

  • Binny Chaurasia

    कल्प कथा-साहित्य संस्था
    भारत की फसले (श्री अन्न)
    विधा-काव्य
    दिनांक-14/3/24
    यूँ ही नही कहा जाता है,भारत को सोने की चिड़िया
    तरह तरह के दालें होती,तरह-तरह के होते अनाज
    श्री अन्न मोटा अनाज,जो खाते सब परिवार मिलकर
    गेंहू की महक है ऐसी,मिट्टी की शोंधी खुशबु जैसी
    लहलहाते खेत है जैसे,प्रकृति की प्रचुर दवाएँ जैसी
    गेंहू की दलिया बेजोड़,पेट को रखता सदा निरोग
    ज्वार,बाजरा,गेंहू,मक्का,तन को कर देता है चंगा
    मिलाकर बनाए ये चार अनाज,हृष्ट-पुष्ट रहता परिवार
    ज्वार-बाजरा की रोटी खावें,ह्रदय लीवर की ताकत बढ़ावें
    मक्का ताकत स्फूर्ति जो देता,किसानों की शान है रखता
    फाइबर से भरपूर अनाज,हड्डियों मे भर देता है जान
    कई बीमारियों की एक दवा,मल्टीग्रेन की जो रोटी बना
    श्री अन्न का करो आहार,ना करो तुम अनाज बर्बाद
    भारत की फसलें हैं लहलहाती,धरती माॅ की शान बढ़ाती
    धरती माॅ को करो प्रणाम,इनमें होती औषधि हजार। ।
    बिन्नी चौरसिया
    अयोध्या

  • Sumita Gahlyan

    मानवाधिकार जीवन का सम्मान

    मानवाधिकार – मानव के अधिकार

    हमारा समाज माननीय परंपराओ पर चलता है। मानव के विकास के लिए ही समाज का निर्माण हुआ है। मानव को अपना जीवन जीने के लिए कुछ अधिकार दिए गए हैं ताकि वह अपना जीवन आसानी से व्यतीत कर सके। मानव को अधिकारों के साथ कर्तव्य भी दिए गए हैं ताकि अधिकारों का प्रयोग करते हुए उन्हें अपने कर्तव्य का पता हो और वे किसी अन्य मानव के अधिकारों का हनन नहीं कर सके।
    किसी भी इंसान का जीवन, स्वतंत्रता, सम्मान ,समानता के अधिकार ये सब मानव अधिकार है।

    हर देश के सविधान में मानव को अधिकारों से नवाज गया है। सभी को स्वतंत्र रहने का ,समानता का, शिक्षा का अधिकार दिया गया है लेकिन इन अधिकारों के साथ यदि बंधन ने हो तो मानव अधिकारों का गलत प्रयोग कर सकता है ।इसलिए अधिकारों को कर्तव्यों के साथ जोड़ा गया है।

    एक मानव को दूसरे मानव का सम्मान करना चाहिए। मानवता की भावना का प्रचार करना चाहिए। सम्मान की भावना से ही मानवता को बचाया जा सकता है। इसलिए मानवता को बचाने के लिए मानव को अपने अधिकारों का प्रयोग सही तरीके से करना चाहिए।

    सभी भाई -बंधुओं से हाथ जोड़कर निवेदन है कि संसार में मानव का सम्मान होना चाहिए। उसके जो अधिकार है उसका पालन अच्छे तरीके से होना चाहिए तभी संसार में शांति और सौहार्द्र की भावना फल- फूल सकती है तथा हर व्यक्ति के जीवन का सम्मान हो सकता है।

    डॉ सुमिता गाहल्याण

Leave A Comment