
!! “कल्पकथा साप्ताहिक आमंत्रण : पितृपक्ष विशेष” !!
- Kalpkatha
- 09/09/2025
- लेख
- प्रतियोगिता
- 1 Comment
🕉️ !! “कल्पकथा साप्ताहिक आमंत्रण : पितृपक्ष विशेष” !!🧑🔬
📜 विशिष्ट आमंत्रण क्रमांक :– !! “कल्प/सितंबर/२०२५/ब” !! 📜
🌱 विषय :- !! “पितृ पक्ष” !! 🖥️
⏰ समयावधि :- दिनाँक ०८/०९/२०२५ प्रातः ०८.०० बजे से दिनाँक १२/०९/२०२५ रात्रि १०.०० बजे तक ⏰
🪔 विधा :- !! “स्वैच्छिक” !! 🪔
📢 भाषा :- !! “हिन्दी/संस्कृत” !! 📣
⚜️ विषय विशेष: – पितृपक्ष के धार्मिक, सामाजिक, वैज्ञानिक, स्वास्थ्य, प्रकृति संरक्षण, आदि बिंदुओं पर प्रकाश डालती रचनाएँ। ⚜️
💎 !! “आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं” !! 💎
📢 कल्पकथा के नियम :- 📢
✍🏻 कल्प आमंत्रण प्रतियोगिता में रचना भेजते समय रचना में ऊपर आमंत्रण क्रमांक, विषय एव शीर्षक और नीचे लेखक/लेखिका का नाम होना आवश्यक है। उसके बिना रचनाएं सम्मिलित नहीं की जायेंगी।
✍🏻 सभी रचनायें लिखित रूप में ही स्वीकार्य रहेंगी।
✍🏻 व्यक्तिगत रूप से प्रेषित रचनाएँ, एवं व्यवस्था बिंदुओं के बिना प्रेषित रचनाएँ स्वीकृत नहीं होगी।
✍🏻 कल्पकथा वेबसाइट पर रचना प्रतियोगिता श्रेणी के अंतर्गत लिखने पर प्रति प्रतियोगिता प्रमाणपत्र एवं मासिक विशेष सम्मान दिया जाएगा।
✍🏻 साप्ताहिक आमंत्रण में सभी प्रमाणपत्र श्रेष्ठ, उत्तम और सहभागिता रूप में तीन प्रकार के रहेंगे।
✍🏻 मासभर सभी आमन्त्रणों में प्रतिभाग करने पर श्रेष्ठ, किन्ही तीन में प्रतिभाग करने पर उत्तम और दो में प्रतिभाग करने पर सहभागिता प्रमाणपत्र रहेगा।
✍🏻 साप्ताहिक आमंत्रण में विविध विधाओं में लिखने वाले लेखकों को “कल्प कलम श्री” सम्मान से सम्मानित किया जायेगा।
✍🏻 दैनिक आमंत्रण में आई रचनाओं के सभी श्रेष्ठ रचनाकारों को “कल्प विधा श्री” सम्मान से सम्मानित किया जायेगा।
✍🏻 कल्पकथा की ऑनलाइन काव्य गोष्ठियों में प्रतिभागियों को “कल्प काव्य श्री” सम्मान से सम्मानित किया जायेगा।
✍🏻 आपकी सभी रचनाएं स्वरचित एवं मौलिक होनी चाहिए। किसी भी प्रकार के कॉपीराइट इशू के लिए लेखक स्वयं जिम्मेदार होगा।
✍🏻 कल्पकथा पर किसी भी प्रकार का व्यक्तिगत, सामुहिक या राजनैतिक प्रचार-प्रसार पूर्णतः प्रतिबंधित है।
✍🏻 यदि आप कल्पकथा संदेशों से इतर कोई व्यक्तिगत, राजनैतिक या सामुहिक विज्ञापन करना चाहते हैं तो आप संस्थापक निर्देशक या संस्थापक निदेशक कोषाध्यक्ष को इसका शुल्क जमा करवा कर प्रचार-प्रसार कर सकते हैं।
✍🏻 यदि आप बिना अनुमति लिये किसी भी प्रकार का राजनैतिक, व्यक्तिगत या सामुहिक लिंक, पोस्ट या फिर कोई चित्र/चलचित्र आदि डालते हैं तो आप पर तुरंत 25000/- रुपये का जुर्माना लगाया जायेगा, जो संस्था नियमों के अनुसार अवश्य ही देय होगा।
✍🏻 लिखते रहिये, 📖 पढते रहिये और 🚶 बढ़ते रहिये। 🌟
✍🏻 कल्प आमंत्रण अध्यक्ष
—: कल्पकथा प्रबंधन :—
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Dr Jai Mehalwal
आमंत्रण क्रमांक :– !! “कल्प/सितंबर/२०२५/ब” !!
विषय :- !! “पितृ पक्ष” !!
विधा :- !! “स्वैच्छिक” !!
भाषा :- !! “हिन्दी” !!
शीर्षक:–!! “पितृ ऋण अपार”!!
पितृ ऋण अपार
ऋण के होते तीन प्रकार,
देव ऋण,ऋषि ऋण और पितृ ऋण,
कभी नहीं चुका सकते इनका उपकार,
ये तीनों ऋण होते अपरंपार।
श्राद्ध में करते सब सोलह दिन,
अपने अपने पितरों का उपकार,
खीर,भल्ले, दाल चावल पूड़ी बनाकर करते परोपकार।
श्राद्ध करके पितरों का शशीर पाए तृप्ति,
करके तर्पण निभाएं सब अपनी ड्यूटी,
जहां भी हो रहे पितर हमारे खुश,
तभी मिलेगी हमारे पितरों को मुक्ति।
स्वरचित एवम् मौलिक रचना
कैप्टन(डॉ०)जय महलवाल (अनजान)
बिलासपुर हिमाचल प्रदेश