!! “व्यक्तित्व परिचय : आचार्य श्री पूरण चन्द्र शर्मा” !!
कल्पकथा साहित्य संस्था एक ऐसा मंच है जो लुप्त होते जा रहे जीवन मूल्यों को पुनः प्रतिष्ठित करने हेतु प्रयासरत है ।विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से समाज को सकारात्मक दिशा दे रहा है, सांस्कृतिक चेतना का केंद्रस्थल बनता जा रहा है।
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“कल्प भेंटवार्ता” – श्री राम सनेही ओझा जी के साथ
भोजपुरी भाषा और भोजपुरी बोली , मिठास के साथ-साथ एक आदर-सत्कार वाली साहित्यिक भाषा है । लगभग साठ-सत्तर के दशक में, फिल्म जगत में इसपर काफी कार्य हुए। इसका वर्तमान और भविष्य भी सुरक्षित है। आज के आधुनिक युग में इसपर काफी शोधकार्य हुए हैं।
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!! “व्यक्तित्व परिचय : श्री सुधीर शर्मा “अधीर” जी ” !!
साहित्यकार को समाज का आँख, नाक और कान ही नहीं, चेतना भी बनना चाहिए। साहित्य समाज का दर्पण ही नहीं, उस पर जमी जड़ता की धूल को साफ करने का भी एक साधन है।
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“कल्प भेंटवार्ता” – श्री अमित कुमार जी, मैकेनिक्सबर्ग पेंसिल्वेनिया, के साथ
विश्व हिंदी को साहित्यिक गरिमा प्रदान करने हेतु यदि मौलिक सिद्धांतों की बात की जाए तो ,
१. साहित्य विभाजन न करता हो। देश, धर्म, जाति या और भी कोई प्रकार का विभाजन , उससे ऊपर होकर लिखा जाए।
२. नए विश्व में नई समस्याएं हैं जिसमें रिश्तों की समीकरण बदली है, मनोवैज्ञानिक रूप से अलग तरह की उलझने बढ़ी है जो सब देशों, समुदायों में समान है।
इस सबके बीच मनुष्य को मूल प्रेरणा देने वाला साहित्य हमेशा जरूरी रहेगा।
३. साहित्य में विविधता हो, जो देश काल का ध्यान रखते हुए रखी जाए।
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!! “कल्प भेंटवार्ता : अणुव्रत सेवी प्रो. डॉ. ललिता बी.जोगड़, गोरेगांव ईस्ट, मुम्बई (महाराष्ट्र)के साथ” !!
दर्शकों-श्रोताओं पाठकों का हृदय की अनन्त गहराईयो से आभार व्यक्त करना चाहती हूँ। व्यस्त जिंदगी के अनमोल समय में से समय निकाल कर मेरा उत्साह वर्धन किया।
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🦚 !! “व्यक्तित्व परिचय : साहू दंपत्ति” !! 🦚
★ चर्चित जी :- शस्त्र लेखनी जानिए, आवश्यक है ज्ञान।
शक्ति समाहित है यहाँ, बस कर लो पहचान।।
★ मृदुल जी :-
आप आप और आप ही, सदा आपके साथ।
है अनंत के पंत में, आप स्वयं शिवनाथ।।
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*!! “व्यक्तित्व परिचय : श्री बिनोद कुमार पाण्डेय एवं श्रीमती पुष्पा कुमारी पाण्डेय” !!*
जीवन है एक अधूरी कविता,
कोई पढ़े कोरान या कोई पढ़े गीता,
यदि राधा श्री शर्मा की तरह
“सर्वे भवन्तु सुखिन: का
संकल्प नहीं लिया तो
समझो अपना जीवन व्यर्थ बीता।
जीवन एक अधूरी कविता।
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🦚 !! “व्यक्तित्व परिचय : श्री नन्द किशोर बहुखंडी” !! 🦚
मैं लिखता बाद में हूँ, पहले मैं आते, जाते जो भी विचार मन में आते हैं उन्हें मष्तिष्क में अंकित करता हूँ और फिर उन्हें कागज में उतारता हूँ : श्री नंद किशोर बहुखंडी
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🌷 !! व्यक्तित्व परिचय : डॉ श्रीमती अरुणा सोनी.!! 🌷
प्रयोगधर्मिता के नाम पर बहुत कुछ नया हो रहा है। मैं इसे गलत नहीं मानती। लेकिन साहित्य या काव्य की आत्मा को मैं मुख्य मानती हूँ। बस वह कहीं खो न जाए, इस बात का ध्यान रखना बहुत ज़रूरी है।
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!! “व्यक्तित्व परिचय : श्रीमती पूजा शर्मा “सुगन्ध” !!” !!
“मन के भाव शब्दों में उतरते रहे
और यूँ ही, बस यूँ ही,
इंद्रधनुष पृष्ठों पर उभरते रहे
सुधिजनों के सानिध्य में लेखनी निखरती रही
मन भावों की सुगंध संग, सुगंध सँवरती रही…”
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