!! “व्यक्तित्व परिचय : श्रीमती ज्योति राघव सिंह” !!
श्री राधा गोपीनाथ बाबा के प्रमुखता से मैं और कल्पकथा के सभी सदस्य स्वयं को भाग्यशाली समझते हैं क्योंकि यह इकलौता मंच से जहां देशभक्ति, ईश्वर भक्ति सनातन धर्म के प्रति साहित्य को जोड़कर यह मंच खुद की प्रतिष्ठा को कायम रख रहा है। और मैं इससे प्रभावित ही नहीं सन्तुष्ट भी हूं।
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!! “व्यक्तित्व परिचय : डॉ पंकज कुमार बर्मन” !!
हिन्दी में अन्य भाषाओं के शब्दों का समावेश एक स्वाभाविक प्रक्रिया है, जो इसे अधिक समृद्ध और व्यापक बनाता है। यह प्रवृत्ति साहित्य को आधुनिक और प्रासंगिक बनाती है, जिससे नई पीढ़ी आसानी से जुड़ पाती है। हालांकि, मूल भाषा की शुद्धता बनाए रखना भी आवश्यक है ताकि हिन्दी की विशिष्टता और सांस्कृतिक पहचान बनी रहे।
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⛩️ !! “व्यक्तित्व परिचय : श्रीमती डॉ नीलू सक्सेना” !! ⛩️
जब मैं पहली कविता लिखी थी तो मेरी मम्मी ने मुझे बहुत डांट लगाई थी कि अब तुम भगवान राम की भी हंसी उड़ाने लगी हो। परंतु जब उन्होंने पूरी कविता का मर्म समझा और जाना तो मुझे बहुत शाबासी दी।
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⛩️ !! “व्यक्तित्व परिचय : श्रीमती रेणु मिश्रा” !! ⛩️
जब भी कलम उठे, जब भी वाणी निकले, जब भी उद्बोधन हो तथा कोई आचरण हो, सदैव मर्यादित, अनुशासित एवं देश और समाज के हित में हो। संस्कार और अनुशासन से समझौता नहीं होना चाहिए। देश सर्वोपरि हो।
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!! “व्यक्तित्व परिचय : श्रीमती साधना मिश्रा “लखनवी” !!
हम यदि लेखक हैं यदि लेखन कार्य करते हैं तो हम जो भी लिखे वह समाज व देश के हित में लिखे ।
एकाग्रता लक्ष्य और समर्पण की भावना सर्वोपरि हो। और जितना लिखे उससे कही ज्यादा उत्कृष्ट पठन,-पाठन, मनन-चिंतन करें।
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!! “व्यक्तित्व परिचय : श्री भास्कर सिंह माणिक” !!
कल्पकथा परिवार ने कम समय में बहुत लंबी यात्रा की है। कल्पकथा परिवार ने कलमकारों को जोड़ने का जो संकल्प उठाया था उसे साकार करते हुए तीन वर्ष पूर्ण किए हैं और आगे भी करेगा। मुझे अनवरत कल्पकथा परिवार ने अपना प्यार, स्नेह और सान्निध्य दिया है और आगे भी देता रहेगा, ऐसा मेरा विश्वास है।
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!! “व्यक्तित्व परिचय : श्री राज किशोर वाजपेयी “अभय” जी” !!
वाजपेयी जी :- लोक-चेतना संवर्धन और साहित्य-सेवा का प्रकल्प है कल्प-कथा।
सफल तीन वर्षो की साधना हेतु मैं इसके संचालकों को हार्दिक बधाईयां देता हूं और हार्दिक अभिनन्दन भी करता हूं।
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!! “व्यक्तित्व परिचय : श्री चन्द्रप्रकाश गुप्त “चन्द्र” ज़ी” !!
कल्पकथा के माध्यम से निरंतर साहित्य के क्षेत्र में सक्रिय सकारात्मक साधना का पुनीत कार्य किया जा रहा है जो मेरे विचार से समाज और साहित्य के लिए अनुकरणीय है आपकी सतत साधना साहित्य को नव नूतन आयाम प्रदान कर साहित्य को गौरवान्वित कर रही है।
मेरी अनंत हार्दिक मंगल कामनाएं हैः।
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🦚 !! “व्यक्तित्व परिचय : श्रीमती नवनीता चौरसिया” !! 🦚
कोई भी अनुभवी विद्वान जब हमें हमारी त्रुटियां बताता है तो इससे हमारे लेखन में सुधार ही होगा।
यदि हमें सिर्फ प्रशंसा-प्रशंसा ही मिलेगी तो हममें अभिमान आ सकता है या हमें सिर्फ नकारात्मक समीक्षा ही मिली तो हमारा मन निराशा से भर जाएगा। रचना में उत्कृष्ट चलाने के लिए निष्पक्ष समीक्षा बहुत आवश्यक है।
कबीर दास जी ने भी कहा है- निंदक नियरे राखिए आंगन कुटी छवाय।
बिन पानी बिन साबुना, निर्मल हुआ सुबाय।
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!! “व्यक्तित्व परिचय : श्री सुन्दरलाल जोशी “सूरज” जी” !!
जब मैं चित्तौड़गढ़ घूमने गया तो हल्दीघाटी गया। संग्रहालय देखा और मन हुआ कि कुछ पंक्तियां महाराणा प्रताप पर लिखूँ।
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